पारुल पाण्डेय | Navpravah.com
अब इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) में भी डिसीजन टू रिव्यू सिस्टम (DRS) लागू होने की तैयार हो गई है। बीसीसीआई ने भी आईपीएल 2018 में डीआरएस को लागू करने के लिए हरी झंडी दिखा दी है । इससे पहले बीसीसीआई इसके लिए तैयार नहीं हो रहा था। बोर्ड इस जिद पर अड़ा हुआ था कि यह रेफरल सिस्टम पूरी तरह फूलप्रूफ नहीं है। दुनिया के अधिकांश क्रिकेट खेलने वाले देशों में जब यह सिस्टम लागू हो चुका था तब भी भारत के साथ होने वाले मैचों में इसे लागू नहीं किया गया था, लेकिन 2016 में जब इंग्लैंड ने भारत का दौरा किया तो बोर्ड ने डीआरएस की इजाजत दे दी और अब यही टेक्नोलॉजी आईपीएल के 11वें संस्करण में भी लागू होने जा रही है।
एक निजी अख़बार में छपी खबर के अनुसार बीसीसीआई के एक आधिकारिक ने बताया की हम काफी समय से डीआरएस लागू करना चाहते थे, लेकिन हमने इस साल यह फैसला किया कि आईपीएल में भी डीआरएस लागू हो। हमारे पास दूसरी तमाम टेक्नोलॉजी मौजूद हैं तो डीआरएस क्यों न हो। हम अंतरराष्ट्रीय मैचों में इसका इस्तेमाल कर रहे हैं तो आईपीएल में भी किया जाना चाहिए ।
बता दें कि बोर्ड ने दिसंबर में 10 घरेलू अंपायरों का चुनाव किया था जो देश में खेली जा रही प्रतियोगिताओं में डीआरएस पर नजर रख सकें। ये अंपायर आईपीएल के मद्देनजर ही चुने गए थे। ये दस अंपायर आईपीएल में अंपायरिंग करते नजर आएंगे। हालांकि, भारत के घरेलू टूर्नामेंट में डीआरएस का प्रयोग नहीं किया जाता है। एक डोमेस्टिक अंपयार ने बताया, आईपीएल में लोकल अंपयार होते हैं, इसलिए बोर्ड ने हमें डीआरएस सिस्टम को बेहतर ढंग से समझने के लिए आमंत्रित किया था। हमें बताया गया था कि बोर्ड इस बार के आईपीएल में डीआरएस लागू करने जा रहा है। पाकिस्तान सुपर लीग के बाद आईपीएल दूसरी बड़ी टी-20 लीग होगी, जिसमें डीआरएस लागू है