अमित द्विवेदी | नवप्रवाह न्यूज़ नेट्वर्क
मुम्बई पुलिस के टीआरपी के खेल के ख़ुलासे ने पूरे देश में हंगामा मचा दिया है। मुम्बई पुलिस ने साफ किया कि TRP को लेकर गड़बड़ घोटाला हुआ है, जिसकी गहन छानबीन करने की तैयारी मुम्बई पुलिस कर रही है। आम जनता TRP शब्द से इत्तेफ़ाक रखती है, लेकिन बहुतों को इसकी पूरी जानकारी नहीं है। TRP का खेल होता क्या है, हम आप को बताते हैं।
कुछ विशेष उपकरणों के ज़रिए BARC टीवी चैनल्स को रेट करता है। बार्क (BARC) एक सैटटॉप बॉक्स के जरिए यह जानकारी हासिल करता है कि उपभोक्ता द्वारा कौन से चैनल देखे गए हैं, जिसके आधार पर ही टीआरपी की रेटिंग तय की जाती है।
BARC India है क्या ?
ब्रॉड्कास्ट ऑडियंस रिसर्च काउंसिल (BARC) इंडिया नाम की एक संयुक्त उद्योग उपक्रम है, जिसे प्रसारणकर्ता (IBF), विज्ञापनदाता (ISA) और विज्ञापन और मीडिया एजेंसी (AAAI) का प्रतिनिधित्व करने वाले स्टॉकहोल्डर निधिबद्ध करते हैं। माना जाता है कि यह दुनिया का सबसे बड़ा टेलीविजन मेजरमेंट निकाय है। BARC India साल 2010 में शुरू हुआ था और इसका मुख्यालय मुंबई में ही है।
TRP मॉनिटरिंग कैसे होती है ?
टीवी चैनल्स की व्यूअरशिप मापने के लिए BARC India ऑडियो वाटरमार्किंग तकनीक का उपयोग करता है। यह सिस्टम बैरोमीटर ( BAR-o-meters) के जरिए टीआरपी की मॉनिटरिंग करता है। मुंबई में करीब 2000 बैरोमीटर हैं।
पहले ऑडियो वाटरमार्क तकनीक का उपयोग कर प्रसारण के वीडियो में और उसके साथ दोनों में ही वाटरमार्क भेजे जाते हैं, जिससे बैरोमीटर में वाटरमार्क सहित यह जानाकरी दर्ज हो जाती है कि उपभोक्ता कौन सा चैनल देख रहा है। इसके बाद इस जानकारी को अन्य संबंधित जानकारी के साथ जोड़ कर पूरे आंकड़े तैयार कर व्यूअरशिप डेटा के तौर पर जमा किया जाता है। इन्हीं आंकड़ों का मापन कर टीआरपी रेटिंग सहित अन्य जरूरी विश्लेषण भी किया जाता है। पूरी प्रक्रिया को पारदर्शी और सुरक्षित रखने का प्रयास किया जाता है।
शिकायत क्या है ?
BARC ने इन बैरोमीटर की मॉनिटरिंग के लिए हंसा नाम की एजेंसी को इसका कॉंट्रैक्ट दिया था। हंसा रिसर्च ने शिकायत दर्ज कराई थी कि उसके कुछ पूर्व कर्मचारियों ने उसके आंकड़ों का दुरुपयोग किया है, जो कि टीआरपी मॉनिटरिंग सिस्टम में हैं। इसमें कुछ वर्तमान कर्मचारियों के भी शामिल होने की आशंका जताई गई है।
BARC ने इन बैरोमीटर की मॉनिटरिंग के लिए हंसा नाम की एजेंसी को इसका कॉंट्रैक्ट दिया था। हंसा रिसर्च ने शिकायत दर्ज कराई थी कि उसके कुछ पूर्व कर्मचारियों ने उसके आंकड़ों का दुरुपयोग किया है, जो कि टीआरपी मॉनिटरिंग सिस्टम में हैं। इसमें कुछ वर्तमान कर्मचारियों के भी शामिल होने की आशंका जताई गई है।