भारतीय मीडिया बना ड्रैगन का सिरदर्द, खिसियाई बिल्ली की तरह खंभा नोच रहा चीन

अमित द्विवेदी | नवप्रवाह न्यूज़ नेट्वर्क 
भारतीय मीडिया भले ही आपस में कुत्ते-बिल्लियों की तरह लड़ रही हो और एक दूसरे को सीरियस न ले रही हो, लेकिन चीन भारतीय चैनल्स को लेकर बेहद गम्भीर है। दरअसल भारत के न्यूज़ चैनल्स ताइवान को स्वतंत्र राष्ट्र की संज्ञा देते हैं (जो कि वो है भी), जिसकी वजह से चीन का पारा बढ़ता जा रहा है। चीनी मीडिया तो सरकार के इशारे पर ही नाचती है, अब वे चाहते हैं कि भारतीय मीडिया भी उन्हीं के सुर में सुर मिलाए। भारतीय मीडिया की इस बेबाक़ी से चीन लगातार चिंचिया रहा है। 
चीनी सरकार का कहना है कि भारतीय मीडिया ताइवान को स्वतंत्र राष्ट्र कहना बंद करे। दरअसल चीन की सरकार चाहती है कि भारतीय मीडिया ताइवान को देश के रूप में सम्बोधित न करके रिपब्लिक ऑफ़ चाइना के  रूप में प्रस्तुत करे। इस सम्बंध में चीन के दूतावास ने भारत से कहा कि भविष्य में भारतीय मीडिया चाइना की इस पॉलिसी का ध्यान रखे। चीन की इस प्रतिक्रिया का जवाब देते हुए भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग अग्रवाल ने चीन से साफ़ कह दिया कि भारत में मीडिया स्वतंत्र है, चीन किसी भी तरह का दबाव बनाने की कोशिश न करे। 
अनुराग अग्रवाल ने कहा कि भारत ने चाइना की पॉलिसी का सम्मान करता है, लेकिन इसका मतलब ये नहीं कि आप भारत की मीडिया पर नियंत्रण रखने की कोशिश करें। दरअसल हाल में भारतीय मीडिया ने ताइवान चुनाव की ख़बरों को प्रमुखता से प्रकाशित किया था, जिसकी वजह से चीन टेन्शन में है। इस सम्बंध में ताइवान की राष्ट्रपति ने भारत और भारतीय मीडिया के प्रति अपना आभार प्रकट किया, जिसमें उन्होंने यह स्पष्ट किया कि भारत एक लोकतांत्रिक राष्ट्र है और वह किसी के दबाव में नहीं आने वाला। भारतीय मीडिया ने ताइवान को स्वतंत्र देश सम्बोधित कर कोई ग़लत काम नहीं किया।
हाल ही में ताइवान के राष्ट्रीय दिवस पर भारतीय अखबारों ने विज्ञापन प्रकाशित किए थे और अन्य पठनीय सामग्री दी थी। कुछ महीने पहले ताइवान के चुनाव और उसके बाद की गतिविधियों को भी भारतीय मीडिया ने प्रमुखता से कवर किया था। इसी से चीन को मिर्ची लग रही है। 

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