भूखे-प्यासे मीलों चलने को मजबूर मज़दूर, आरोप-प्रत्यारोप में सरकारें मस्त

सौम्या केसरवानी | navpravah.com

लॉकडाउन में लाखों लोगों का शहरों से ग्रामीण इलाक़े में पलायन हो चुका है। पैदल, साईकिल, रिक्शे जिससे जो बन पड़ा, वो वैसे ही चल पड़ा। हज़ारों किलोमीटर परिवार के साथ ऐसे मुश्किल हालात में यात्रियों को भारी तकलीफ़ से गुज़रना पड़ रहा है। एक बेहद मार्मिक विडीओ वाइरल हुआ, जिसमें चलते-चलते थक गए एक छोटे बच्चे को ब्रीफ़केस पर बिठाकर उसकी माँ खींच रही है।

कई ऐसी घटनाएँ देखने को मिलीं, जो दिल दहला देती हैं। ये जो वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी सो वायरल हो रहा है, उसमें दावा किया जा रहा है कि वीडियो आगरा में बनाया गया है। कई किलोमीटर पैदल चलने के बाद जब एक छोटा बच्चा थक जाता है, तो मां ने उसको ब्रीफकेस के ऊपर बैठा दिया और ब्रीफकेस को घसीटकर आगे बढ़ती जाती है। जानकारी के मुताबिक़, महिला के साथ चल रहा मजदूरों का यह ग्रुप पंजाब से झांसी जा रहा है।

मीलों पैदल चलने को मजबूर गर्भवती महिलाएँ-

ऐसी सैकड़ों घटनाएँ हैं, जिसे सुनकर ही आप का दिल पसीज जाएगा। ऐसी ही एक घटना की दर्दनाक तस्वीर अलीगढ़ से भी आई। यहां प्रेग्नेंसी के नौवें महीने में महिला मजदूर चंडीगढ़ से मध्य प्रदेश के लिए पैदल चल पड़ी। करीब 180 किमी पैदल चलने के बाद महिला को दर्द हुआ और उसने सड़क किनारे ही साथियों की मदद से बेटी को जन्म दिया। जन्म के एक घंटे बाद ही बच्ची को गोद में लेकर वह 270 किलोमीटर पैदल चलकर अलीगढ़ पहुंची।

ये घटनाएँ सोचने को मजबूर करती हैं कि तमाम सुविधाओं का दावा कर रही सरकारों की असलियत क्या है। राज्य सरकारें केंद्र को और केंद्र राज्य पर ठीकरा फ़ोड़ रही है, लेकिन इसमें पिस रहा है मज़दूर।

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