नई दिल्ली। कश्मीर मुद्दे पर पाकिस्तान को एक बार फिर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) से बड़ा झटका लगा है। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) में यह मुद्दा उठाने को लेकर समर्थन पाने की पाकिस्तान की कोशिश बुधवार को फिर असफल हो गई। पाकिस्तान को सिर्फ अपने सदाबहार दोस्त चीन का ही साथ मिला।
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) में भारत ने स्पष्ट किया कि द्विपक्षीय संबंधों को सामान्य करने के लिए पाकिस्तान को कुछ अहम मसलों पर फोकस करना होगा। पिछली बार मात खाने के बावजूद पाकिस्तान ने चीन के जरिये बुधवार को फिर से संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) में कश्मीर मुद्दा उठाने की कोशिश की थी। चीन अन्य विषयों के अंतर्गत सुरक्षा परिषद के बंद कमरे में कश्मीर पर चर्चा चाहता था।
हालांकि फ्रांस ने उसी समय कश्मीर को भारत और पाकिस्तान का द्विपक्षीय मुद्दा बताते हुए इस पर चर्चा का विरोध किया था। यूएन में भारत के स्थायी प्रतिनिधि सैयद अकबरुद्दीन ने कहा कि एक बार फिर हमने देखा कि एक सदस्य ने यह मुद्दा उठाने की कोशिश की, जिसे अन्य किसी का समर्थन नहीं मिला। हमें खुशी है कि इस मामले में पाकिस्तानी के किसी अनर्गल आरोप को सुरक्षा परिषद ने चर्चा योग्य नहीं पाया।
सूत्रों के मुताबिक पाकिस्तान के सहयोगी चीन ने इस बैठक के लिए दवाब बनाया। अगस्त में जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाकर इसे दो केंद्र शासित प्रदेशों में बांटे जाने के बाद भी चीन ने इस मुद्दे पर UNSC की बैठक बुलाई थी। हालांकि तब चीन और पाकिस्तान को इससे कुछ भी हासिल नहीं हुआ, क्योंकि सुरक्षा परिषद के सदस्यों ने इसे भारत का आंतरिक मुद्दा करार देते हुए कार्रवाई से इनकार कर दिया था। इसके बाद दिसंबर में भी चीन ने कश्मीर पर चर्चा कराने के लिए बैठक का आग्रह किया था, लेकिन तब बैठक नहीं हुई।
UNSC में 5 स्थाई सदस्य देश हैं, जबकि 10 निर्वाचित सदस्यों का निश्चित कार्यकाल होता है। अमेरिका, रूस, ब्रिटेन, फ्रांस और चीन इसके स्थाई सदस्य हैं। चीन के अलावा बाकी 4 सदस्य देश कश्मीर मुद्दे पर दखल देने से इनकार करते रहे हैं। भारत सरकार के रुख का समर्थन करते हुए इन देशों ने सभी विवाद भारत और पाकिस्तान के बीच द्विपक्षीय बातचीत से सुलझाने को कहा है।