बढ़ रहे साइबर क्राइम लेकिन भारत में नहीं कोई ट्रिब्यूनल

साइबर क्राइम के लिए कोई कोर्ट नहीं

सौम्या केसरवानी। Navpravah.com
 
दिल्ली में साइबर क्राइम के दस हजार मामले एक दिन में हो रहे हैं। वहां केंद्र सरकार ने साइबर क्राइम के लिए गठित की गई साइबर ट्रिब्यूनल को ही बंद कर दिया है। पिछले सात साल से चेयरमैन के न होने से इस ट्रिब्यूनल में 2011 से एक भी मामले की सुनवाई नहीं हो सकी है।
 
सूचना प्रोधौगिकी के इस युग में जहां साइबर क्राइम लगातार बढ़ रहा है और मोबाइल का इस्तेमाल करने वाला हर व्यक्ति इसका शिकार है। वहीं सरकार ने 2006 में बनाई गई साइबर अपीलेट ट्रिब्यूनल को ही खत्म कर दिया है। अगर किसी के बैंक एकाउंट से अचानक आपके लाखों रुपये निकल जाएं या फिर कंप्यूटर से किसी ने आपकी पर्सनल जानकारी हैक हो जाये, या आपका कंप्यूटर किसी ने हैक कर लिया हो तो उनकी सुनवाई और अपराधी को सजा दिलवाने के लिए आप कुछ नहीं कर पाएंगे।
 
सुप्रीम कोर्ट से रिटायर्ड जस्टिस शिवा कीर्ति सिंह टीडी सेट के चेयरमैन हैं, वो खुद भी मानते हैं कि पहले से ही इतने मामले पेंडिंग हैं, लिहाजा जब तक नई बेंच नहीं बनती, साइबर हो या एयरपोर्ट ट्रिब्यूनल, मामलों का जल्द निपटारा नहीं हो सकता। फिलहाल टीडी सेट के पास अपना दफ्तर तक नहीं है, इसे दिल्ली के पांच सितारा सम्राट होटल से चलाया जा रहा है, जिसका सालाना किराया ही सरकार करीब 10 करोड़ रुपये देने पड़ रहे हैं।
 
ट्रिब्यूनल में करोड़ों खर्च करने वाली सरकार आज भी साइबर क्राइम के शिकार लोगों को अपना केस दर्ज कराने का विकल्प नहीं दे पा रही है और ये हाल तब है, जब पीएम मोदी भारत को डिजिटल इंडिया में तब्दील करना चाहते हैं।

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