जस्टिस रंजन गोगोई बने देश के 46वें मुख्य न्यायाधीश

जस्टिस रंजन गोगोई
जस्टिस रंजन गोगोई

सौम्या केसरवानी | Navpravah.com

जस्टिस रंजन गोगोई ने आज देश के 46वें मुख्य न्यायाधीश पद की शपथ ली है। राष्ट्रपति भवन में आयोजित शपथ ग्रहण समारोह में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने जस्टिस रंजन गोगोई को देश के मुख्य न्यायाधीश पद की शपथ दिलाई।

कार्यक्रम में पीएम मोदी, पूर्व चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा, सुप्रीम कोर्ट के जज और अन्य केंद्रीय मंत्री मौजूद रहे। दरअसल, मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा दो अक्‍टूबर को सेवानिवृत्त हो गए थे और उनके उत्‍तराधिकारी के तौर पर सुप्रीम कोर्ट के सबसे वरिष्‍ठ जज जस्टिस रंजन गोगोई तीन अक्‍टूबर को नए मुख्‍य न्‍यायाधीश का पदभार संभालने की जिम्मेदारी मिली थी।

चीफ जस्टिस बनने के बाद जस्टिस रंजन गोगोई के सामने अयोध्‍या मामले का निपटारा करना एक बड़ी चुनौती होगी, इसके अलावा लंबित मामलों का निपटारा भी जस्टिस गोगोई के लिए बड़ी चुनौती होगी।

जस्टिस गोगोई का जन्म 18 नवंबर 1954 को असम के डिब्रूगढ़ में हुआ था। उनकी शुरुआती शिक्षा डॉन वास्‍को स्‍कूल में हुई थी, इंटरमीडिएट की पढ़ाई काटेन कॉलेज गुवाहटी से हुई थी। दिल्‍ली विश्‍वविद्यालय के सेंट स्‍टीफन कॉलेज से इतिहास में स्‍नातक की शिक्षा पूरी की थी, इसके बाद डीयू से कानून की डिग्री हासिल की थी।

46वें चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की संपत्तियों पर यदि नजर डाली जाए, तो उनके पास सोने का कोई आभूषण नहीं है, उनकी पत्‍नी के पास जो सोने के आभूषण हैं, वे शादी के वक्‍त परिजनों-रिश्‍तेदारों, मित्रों से मिले थे। उनके पास कोई निजी वाहन भी नहीं है। हालांकि इसका एक बड़ा कारण यह हो सकता है कि करीब दो दशक पहले जब वह जज बने, तब से ही उनको आधिकारिक रूप से गाड़ी मुहैया कराई गई है। साथ ही स्‍टॉक मार्केट में उनका कोई निवेश भी नहीं है।

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