शिखा पाण्डेय,
दही हांडी उत्सव सिर पर आ पहुंचा पर अब भी उच्चतम न्यायलय व ‘गोपालों’ के बीच पिरामिड की उंचाईं को लेकर सहमति नहीं बन पाई है। आज उच्चतम न्यायालय ने दही हांडी उत्सव के संबंध में एक याचिका पर सुनवाई करते हुए अपने आदेश में संशोधन से इनकार कर दिया। कोर्ट ने कहा कि दही हांडी उत्सव में मानव पिरामिड की अधिकतम ऊंचाई 20 फुट ही रहेगी। साथ ही कोर्ट इस फैसले पर भी अडिग है कि इसमें 18 साल से कम उम्र के युवक हिस्सा नहीं लेंगे।
दरअसल दही हांडी से संबंधित इस याचिका में शीर्ष अदालत द्वारा तय की गयी मानव पिरामिड की 20 फुट ऊंचाई में ढील देने का अनुरोध किया गया था।
न्यायमूर्ति ए आर दवे, यू यू ललित और एल नागेवश्वर राव की पीठ ने इस याचिका पर सुनवाई की।
उल्लेखनीय है कि महाराष्ट्र में जन्माष्टमी के दिन दही हांडी उत्सव के दौरान मानव पिरामिड बनाए जाते हैं और दही हांडी उत्सव के दौरान होनेवाली दुर्घटनाओं को कम करने के उद्देश्य से कोर्ट ने यह आदेश दिया था। इसके बाद शिवसेना ने कोर्ट के आदेश पर प्रतिक्रिया देते हुए यह कहा था कि कोर्ट हमारे धार्मिक मामलों में दखल ना दे तो बेहतर होगा।