सौम्या केसरवानी | Navpravah Desk
आज से तीन दिन पहले भारत और चीन के बीच सीमा पर तनाव की खबर आई थी, सिक्किम से सटी सीमा पर भारत और चीन के सैनिकों के बीच टकराव हुआ, लेकिन इस टकराव को स्थानीय दखल के बाद सुलझा लिया गया था।
चीन के साथ भारत की विवादित सीमा का लद्दाख क्षेत्र अलर्ट पर रख दिया गया है, रिपोर्ट्स के अनुसार, चीन की पीएलए ने 1962 की जंग के एक पुराने पड़ाव गलवान नदी के पास टेंट लगाया है और देमचोक क्षेत्र में निर्माण शुरू कर दिया है।
इकनॉमिक टाइम्स की खबर के अनुसार, तीन हफ्ते हो गए हैं और यह क्षेत्र तनावपूर्ण बना हुआ है, लेकिन अधिकारियों का मानना है कि स्थापित संवाद चैनलों के जरिए हालात को धीरे-धीरे नियंत्रण में लाया जाएगा।
रक्षा सूत्रों का कहना है कि, 1962 में चीनी आक्रमण हुआ था, और इसके गवाह बने गलवान नदी के इलाके में हाल ही में भारत-चीन के सैनिक आमने-सामने आये थे, इसके बाद यह इलाका चर्चा में आया था।
सूत्रों ने कहा है कि, मौजूदा दौर का टकराव पैट्रोल पॉइंट-14 पर हुआ, जिसके बाद उचित कदम उठाए गए, यह स्थान दौलत बेग ओल्डी हवाई क्षेत्र के करीब है।
बता दें कि, इनपुट के बाद नेपाल सीमा पर भी कड़ी नजर रखी जा रही है, बॉर्डर पोस्ट को चाक-चौबंद किया जा रहा है, लिपुलेख दर्रे के पास एक सड़क के निर्माण में हुए बदलाव के बाद सशस्त्र पुलिस के हजारों जवानों को हाल ही में तैनात किया जा रहा है।
देमचोक में सीमा के पार गतिविधियों पर कड़ी नजर रखी जा रही है, विवादित लाइन ऑफ ऐक्चुअल कंट्रोल (वास्तविक नियंत्रण रेखा) के पास भारी निर्माण को दोनों पक्षों के बीच समझौते के उल्लंघन के रूप में देखा जा रहा है, गलवान नदी क्षेत्र में चीन के साथ भारत का पुराना विवाद रहा है।