सौम्या केसरवानी । Navpravah.com
डोकलाम विवाद पर जापान ने भारतीय सेना की तैनाती को सही ठहराते खुलकर भारत का समर्थन किया, जो चीन को रास नहीं आया। चीन ने जापान को फटकार लगाते हुए कहा कि वह चीन, भारत सीमा विवाद पर ‘बिना सोचे-समझे’ बयानबाजी करने से बाज आए। चीन ने कहा कि यदि वह इस मुद्दे पर भारत का समर्थन करना चाहता है, ऐसी स्थिति में भी वह इस तरह की अनर्गल बयानबाजी से बचे।
चीन के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता हुआ चुनयिंग ने कहा कि हमें पता चला है कि भारत में जापान के राजदूत इस विवाद पर भारत का समर्थन करना चाहते हैं, उन्हें याद दिलाना चाहती हूं कि वह संबद्ध तथ्यों को स्पष्टता से समझे बिना इस तरह की अनर्गल बयानबाजी नहीं करें।
जापान के राजदूत हिरामात्सू ने कहा है कि डोकलाम विवादित क्षेत्र है और किसी भी देश को ताकत के बल पर इसकी यथास्थिति में बदलाव नहीं करना चाहिए सीमा निर्धारित की गई है और इसे दोनों पक्षों ने स्वीकार किया है।
चुनयिंग ने भारत से तत्काल प्रभाव से अपनी सेनाएं डोकलाम से हटाने को कहा है, इस क्षेत्र में जून से ही भारत और चीन के बीच गतिरोध बना हुआ है। चीनी प्रवक्ता ने कहा कि इस संकट के समाधान हेतु संवाद के लिए भारत को बिना शर्त अपनी सेनाएं हटानी होंगी।
भारत में जापान के एम्बेसडर केनजी हिरामात्सु ने इस संबंध में जानकारी दी, केनजी हिरामात्सु ने कहा कि हम मानते हैं कि डोकलाम चीन और भूटान के बीच विवादित क्षेत्र है, दोनों देश इसपर बातचीत कर रहे हैं। आगे कहा कि हम ये भी समझते हैं कि भारत की भूटान के साथ एक ट्रीटी है। इसी कारण भारतीय सैनिक इलाके में मौजूद हैं। गौरतलब है कि जापान पहला देश है, जिसने डोकलाम विवाद पर खुलकर भारत का समर्थन किया है।