एनपी न्यूज़ डेस्क । Navpravah.com
कलकत्ता हाई कोर्ट ने ममता बनर्जी का फटकार लगाते हुए आदेश दिया कि दुर्गा जी की प्रतिमाएं और ताजिए अलग-अलग रूट पर निकाले जायें। उच्च न्यायालय ने पुलिस को निर्देश दिया कि वे कड़ी सुरक्षा रखें।
कलकत्ता उच्च न्यायालय ने गुरुवार को पश्चिम बंगाल सरकार द्वारा दुर्गापूजा के दौरान दुर्गा प्रतिमाओं के विसर्जन पर रोक के आदेश को हटाते हुए पूजा के दौरान मुहर्रम समेत सभी दिनों रात 12 बजे तक प्रतिमा विसर्जन करने का आदेश दे दिया है।
अदालत ने सरकार के निर्देश को एकपक्षीय बताया और पुलिस से शहर में दुर्गा प्रतिमा विसर्जन और मुहर्रम के अवसर पर ताजिया निकालने के लिए दोनों धार्मिक पर्व के दौरान पर्याप्त सुरक्षा सुनिश्चत करने के लिए कहा।
राज्य सरकार ने दुर्गा पूजा की समाप्ति के दिन रात दस बजे के बाद मूर्ति विसर्जन पर प्रतिबंध लगा दिया था, क्योंकि मुस्लिम समुदाय के लोग 1 अक्टूबर को मुहर्रम मनाएंगे। दोनों पक्षों के बीच विवाद न हो इसलिए सरकार ने ये फैसला लिया था।
अदालत ने कहा, ”आप के हाथ में शक्ति है तो क्या आप कुछ भी आदेश देंगे? आपको क्या पहले से पता होता है कि कुछ बुरा होने वाला है और इसी आधार पर आप प्रतिबंध लगा देगें।”
अदालत ने कहा, ”जब आप इस बात पर अडिग हैं कि राज्य में सांप्रदायिक सद्भाव है तो आप दोनों के बीच सांप्रदायिक फर्क क्यों कर रहे हैं। सभी को भाईचारे से रहने दीजिए, उनके बीच में कोई लकीर मत खींचिए, ताकि जो कोई कुछ सोचे न वो भी सोच ले।”