अयोध्या विवाद पर आज सर्वोच्च न्यायालय में सुनवाई हुई। आज की सुनवाई के बाद भी इस विवाद का कुछ भी निष्कर्ष नहीं निकला। सर्वोच्च न्यायालय ने अयोध्या मामले की अगली सुनवाई की तारीख 14 मार्च को मुकर्रर की है। एक याचिकाकर्ता ने सर्वोच्च न्यायालय में कहा कि यह 100 करोड़ हिंदुओं की भावनाओं से जुड़ा हुआ मुद्दा है। इस पर सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा ने साफ कर दिया है कि न्यायालय अयोध्या विवाद पर राजनीतिक और भावनात्मक दलीलें नहीं सुनेगा।
बता दें कि सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा ने कहा कि यह एक भूमि का मुद्दा है, इसे धार्मिक मुद्दा न बनाया जाए। यह 2.77 एकड़ जमीन का विवाद है। चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय बेंच इस मामले पर सुनवाई कर रही है। यूपी सरकार ने कहा है कि हमने 504 दस्तावेज जमा किए हैं। सर्वोच्च न्यायालय ने सभी पक्षों को दस्तावेज तैयार करने के लिए दो हफ्ते का वक्त दिया और मामले की अगली सुनवाई 14 मार्च को तय की गई है।
गौरतलब है कि 3 फरवरी को ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने एक अहम बैठक बुलाई थी। इस बैठक में 8 तारीख को अयोध्या मामले की सर्वोच्च न्यायालय में सुनवाई को लेकर चर्चा हुई थी। इस बैठक के बाद ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने मांग की थी कि अयोध्या मामले में सर्वोच्च न्यायालय का फैसला जल्द आए। बोर्ड ने सर्वोच्च न्यायालय से अपील की थी कि अयोध्या मामले से जुड़े तथ्यों और दस्तावेजों पर गौर किया जाए और फैसला जल्द सुनाया जाए।
इस बैठक में ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के कानूनी विशेषज्ञ भी शामिल थे। इंडिया इस्लामिक कल्चरल सेंटर में बैठक के बाद जिलानी ने बताया था कि आठ फरवरी को सुनवाई होने जा रही है और इससे पहले हमने कानूनी जानकारों के साथ बैठक की और अपनी तैयारी को लेकर बातचीत की। यूपी सरकार ने कहा है कि हमने 504 दस्तावेज जमा किए हैं। सर्वोच्च न्यायालय ने सभी पक्षों को दस्तावेज तैयार करने के लिए दो हफ्ते का वक्त दिया और मामले की अगली सुनवाई 14 मार्च को तय की गई है।