नई दिल्ली. Article 370 हटाए जाने के बाद Jammu and Kashmir में सरकार की ओर से लगाई गई पाबंदियों के विरोध में दाखिल याचिकाओं पर फैसला सुनाते हुए Supreme Court ने कहा कि एक हफ्ते के भीतर पाबंदियों को लेकर जारी आदेशों की समीक्षा की जानी चाहिए। पाबंदियों नेताओं के आने-जाने पर रोक, इंटरनेट पर बैन आदि शामिल हैं। इंटरनेट पर अनिश्चितकाल के लिए प्रतिबंध नहीं लगाया जा सकता है।
जस्टिस NV Ramana, जस्टिस R Subhash Reddy, जस्टिस BR Gavai की बेंच ने बीते 27 नवंबर को इस मामले में फैसला सुरक्षित रख लिया था। शीर्ष अदालत ने अपने फैसले में कहा कि सरकार Jammu and Kashmir में पाबंदियों से संबंधित अपने सभी आदेशों की एक हफ्ते के भीतर समीक्षा करे। सरकार को पाबंदियों से जुड़े अपने सभी आदेशों पर अवलोकन करते हुए गैरजरूरी आदेशों को वापस लेना चाहिए। इंटरनेट को अनिश्चितकाल के लिए बंद नहीं रखा जा सकता है।
आपको बता दें, पिछले साल 05 अगस्त 2019 को केंद्र सरकार ने Jammu and Kashmir से Article 370 हटाई थी और केंद्र शासित प्रदेश बना दिया था। इसके बाद Jammu and Kashmir में बाहरी नेताओं के प्रवेश, इंटरनेट, मोबाइल कॉलिंग की सुविधा पर कुछ पाबंदियां लागू कर दी गई थीं। इन पाबंदियों के खिलाफ कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद, अनुराधा भसीन समेत कई अन्य नेताओं ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी।