नई दिल्ली. देश में एक महत्वपूर्ण राजनीतिक घटनाक्रम में राज्यसभा में चंद्रबाबू नायडू की पार्टी तेलुगु देशम पार्टी (TDP) के छह में से चार सांसद गुरुवार को पार्टी छोड़ कर BJP में शामिल हो गये। राज्यसभा सांसद वाई एस चौधरी, सी एम रमेश, टी जी वेंकटेश और जी मोहन राव उस समय भाजपा में शामिल हुए जब तेदेपा के अध्यक्ष एन चंद्रबाबू नायडू विदेश यात्रा पर गये हैं। हालांकि, अपनी पार्टी के चार सासंदों के बीजेपी में जाने पर उनकी प्रतिक्रिया आई है। चंद्रबाबू नायडू ने अपने कार्यकर्ताओं और पार्टी नेताओं से कहा कि उन्हें घबराने की जरूरत नहीं है।
TDP प्रमुख चंद्रबाबू नायडू ने कहा कि हमने भाजपा के साथ केवल विशेष दर्जे की मांग और राज्य के हितों के लिए लड़ाई लड़ी। हमने TDP को कमजोर करने के भाजपा के प्रयासों की निंदा करते हुए विशेष दर्जा के लिए केंद्रीय मंत्रियों के पद को त्याग दिया। पार्टी के लिए संकट कोई नई बात नहीं है। नेताओं और कैडर को घबराने की कोई जरूरत नहीं है।
इन चारों सांसदों ने बैठक कर पहले यह प्रस्ताव पारित किया कि तेदेपा संसदीय दल का भाजपा में विलय किया जाता है। इस प्रस्ताव को भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के पास भेजा गया जिसे शाह ने स्वीकृति दे दी और इस प्रस्ताव को भाजपा के स्वीकृति संबंधी प्रस्ताव के साथ राज्यसभा के सभापति एम वेंकैया नायडू को सौंप दिया। इन सांसदों ने कहा कि सभापति इस विलय को मंजूरी दें और सदन में उन्हें भाजपा का सांसद माना जाये।
बाद में भाजपा के कार्यकारी अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा ने पार्टी मुख्यालय में तीन सदस्यों – श्री चौधरी, श्री रमेश एवं श्री वेंकटेश का भाजपा में स्वागत किया। श्री जी मोहन राव के पैर में चोट लगने के कारण वह भाजपा मुख्यालय में उपस्थित नहीं हो सके। TDP के राजग में रहने के दौरान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मंत्रिमंडल में राज्य मंत्री रहे श्री चौधरी ने कहा कि चुनाव में देश का मूड देखने के बाद हम सबने राष्ट्रनिमार्ण के काम में भागीदार बनने के लिए ये फैसला किया। उन्होंने कहा कि वे आंध्रप्रदेश पुनर्गठन कानून के क्रियान्वयन करने के लिए समन्वय से काम करना चाहते हैं, न कि टकराव के।
वहीं जेपी नड्डा ने बताया कि TDP के चारों सांसदों का लंबे समय से विचार था कि वे आंध्र प्रदेश के विकास के सकारात्मक एजेंडे को बल देने के लिए भाजपा में शामिल होना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि वह इन सांसदों को विश्वास दिलाते हैं कि भाजपा राज्य में सकारात्मक राजनीति करेंगे और सबका विश्वास लेकर आगे बढ़ेंगे। उन्होंने कहा कि चारों आंध्रप्रदेश के ज़मीनी नेता हैं और वे भाजपा को पूरी ताकत के साथ मजबूत करेंगे।
राज्यसभा में तेदेपा के छह सांसद थे। इस तरह से दो तिहाई सांसदों ने पाटीर् बदली है, इसलिए उन पर दल बदल निरोधक कानून लागू नहीं होगा। उच्च सदन में अब श्री के. रवीन्द्र कुमार और श्रीमती थोटा सीताराम लक्ष्मी ही तेदेपा के सदस्य के रूप में रह गये हैं।