ब्यूरो
देशद्रोह के आरोपी कन्हैया, अनिर्बान,खालिद समेत अन्य छात्रों पर जेएनयू प्रशासन द्वारा दंड की घोषणा के बाद कन्हैया ने आन्दोलन करने की घोषणा की है। इन सभी को विवि अनुशासन भंग करने का दोषी पाते हुए जेएनयू प्रशासन ने अर्थदंड और अलग अलग निष्कासन लगाए थे। कन्हैया पर दस हजार की पेनाल्टी है। मंगलवार को प्रेस वार्ता में कन्हैया ने विवि प्रशासन द्वारा लगाये गए अर्थदंड को गलत बताते हुए अपना विरोध दर्ज कराया।
कन्हैया ने कहा विवि जांच समिति ने कहीं भी देशद्रोह का आरोप नहीं लगाया है। विवि प्रशासन एक दोष के लिए अलग अलग सजा देकर हमारी एकता को तोड़ने का प्रयास कर रहा है। कन्हैया ने ये भी कहा कि वो अब अदालत का नहीं आन्दोलन का रुख करेगा। उसने कहा हम इन रिपोर्ट्स की प्रतियां जलाएंगे और भूख हड़ताल पर बैठेंगे।
गत 9 फरवरी को देश में राष्ट्रीयता का माहौल खराब करने और सेनानियों के लिए अभद्र बातें कहने वाला कन्हैया अब विवि प्रशासन को अपने अहंकार के सामने घुटनों के बल झुकाना चाहता है। वो पढ़ने लिखने के उद्देश्य से आये हुए छात्रों को भी गुमराह करता आया है और अपने हवाई यात्राओं के सुख लेते रहने के लिए ये सब कर रहा है।
जेएनयू परिसर में पढ़ाई का माहौल खराब करने वाले कन्हैया और खालिद उमर जैसे लड़के देश के विरोध में अफजल जैसे आतंकियों की बरसी में आर्त्र्नाद करने से भी नहीं चूकते। गौरतलब है कि जिस कन्हैया पर अपने गरीबी से जूझते माता पिता के जीवन को दुर्वरता से बाहर लाने की जिम्मेदारी है वो नेताओं और विघटनकारी तत्वों के प्रोत्साहन से कश्मीर की आजादी के लिए परेशान है।
कन्हैया इससे पहले भी विवि की छात्रा के साथ बुरा बर्ताव करने के लिए दण्डित किया जा चुका है। कन्हैया के अलावा ABVP के सौरभ कुमार शर्मा पर भी दस हजार का जुरमाना लगाया गया था।