विदेश में कच्चा तेल सस्ता होने के बावजूद भारत में इसके दाम बढ़ रहे हैं, दिल्ली में आज फिर पेट्रोल फिर 13 पैसे प्रति लीटर महंगा हो गया और डीजल के दाम में 11 पैसे प्रति लीटर की बढ़ोतरी हुई है, दिल्ली में पेट्रोल 81 रुपये प्रति लीटर और डीजल 73.08 रुपये प्रति लीटर पर पहुंच गया है।
एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के दाम में तेजी या नरमी का असर पेट्रोल या डीजल की कीमतों पर करीब दो हफ्ते बाद पड़ता है, कच्चा तेल बुधवार को मई के बाद के सबसे ऊंचे स्तर पर चला गया था, जो आगे आपूर्ति कम रहने की संभावनाओं से प्रेरित था।
ऊर्जा विशेषज्ञ नरेंद्र तनेजा के अनुसार, वैश्विक स्तर पर उथल-पुथल रहने के कारण तेल निर्यातक देशों के संगठन ‘ओपेक’ ने आशंका जताई गई है कि अगले साल तेल की मांग नरम रह सकती है इसलिए कीमतों में थोड़ी कमजोरी आई है मगर फिलहाल तेल के दाम में नरमी की संभावना कम है।
अमेरिकी लाइट क्रूड वेस्ट टेक्सास इंटरमीडिएट यानी डब्ल्यूटीआई 0.67 फीसदी की नरमी के साथ 69.90 डॉलर प्रति बैरल पर बना हुआ था, इससे पहले डब्ल्यूटीआई बुधवार को 70 डॉलर के पार चला गया था।
घरेलू वायदा बाजार मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज पर सितंबर डिलीवरी कच्चा तेल वायदा बुधवार को 31 रुपये यानी 0.61 फीसदी की बढ़त के साथ 5,075 डॉलर प्रति बैरल पर बंद हुआ, जबकि दैनिक कारोबार के दौरान वायदे में 5,140 रुपये प्रति बैरल का उछाल आया है।
एंजेल ब्रोकिंग के ऊर्जा विश्लेषक व वाइस प्रेसिडेंट अनुज गुप्ता ने ‘आईएएनएस’ से बात करते हुए कहा कि तेल भंडार घटने को लेकर जो प्रतिक्रिया आनी थी वह पहले ही आ गई थी और मौजूदा नरमी अस्थाई है फिर तेजी की संभावना बनी हुई है।
उन्होंने कहा कि ईरान पर अमेरिकी प्रतिबंध के कारण तेल की आपूर्ति कम होने और अमेरिका में लगातार तेल का भंडार घटने से कच्चे तेल के दाम को सपोर्ट मिल रहा है, गुप्ता ने कहा, ओपेक देशों के बीच अगर आगे तेल का उत्पादन बढ़ाने को लेकर सहमति बनेगी तो ही तेल के दाम में नरमी आएगी।