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हाल ही में 6 महीने की अंतरिम जमानत पर रिहा हुए जेएनयू छात्र संघ के अध्यक्ष कन्हैया कुमार, अब देशद्रोह के अन्य दो आरोपी छात्रों की रिहाई के लिए किए जा रहे आंदोलन की अगुवाई करेंगे.
कन्हैया ने कहा, ‘‘सरकार और पुलिस ने मेरी जमानत में देर करने का असफल प्रयास किया, लेकिन फिर भी इस मामले में मुझे ज़मानत मिल गई. मगर सिर्फ मेरी ज़मानत हो जाने भर से हमारी लड़ाई खत्म नहीं हुई है. उमर और अनिर्बान अब तक न्यायिक हिरासत में हैं. मैं अब उनकी रिहाई के लिए छात्र आंदोलन की अगुवाई करूंगा.’’
कन्हैया की अगुवाई वाले जेएनयू छात्र संघ ने आज रात परिषद की एक बैठक बुलाई है जिसमें ‘‘जेएनयू पर हमले’’ के मुद्दे पर चर्चा होगी और भविष्य के कदम को अंतिम रूप दिया जाएगा.
कन्हैया ने कहा, ‘‘यूं तो हमारा पहला मकसद उन दोनों को रिहा कराना है, लेकिन मुझे यकीन है कि यदि मैंने इसी प्रकार अपनी आवाज बुलंद करने की विचारधारा को अपनाया तो जेल आना-जाना मेरे लिए आम बात हो जाएगी.’’
गौरतलब है कि जेएनयू परिसर में बीते नौ फरवरी को आयोजित एक विवादित कार्यक्रम में कथित तौर पर लगे भारत विरोधी नारों के सिलसिले में कन्हैया, उमर और अनिर्बान पर देशद्रोह का मामला दर्ज किया गया था.
कन्हैया 18 दिन जेल में बिताकर रिहा हो चुके हैं. दिल्ली उच्च न्यायालय की ओर से जमानत दिए जाने के बाद कन्हैया को पिछले हफ्ते ही तिहाड़ जेल से रिहा किया गया था. अन्य दो आरोपी उमर और अनिर्बान अब भी न्यायिक हिरासत में बंद हैं.