आंख, कान और गले की बिमारियों को झट पट दूर भगाता है जल नेति

भारत भूषण ‘भारतेंदु’ @ नवप्रवाह.कॉम,

योग हिंदुस्तान की बहुत प्राचीन सम्पति है| यह भारत वर्ष गौरव एवं मन की वस्तु है जैसा की इसका प्रभाव धर्म और संप्रदाय मात्र पर पड़ा है| भारतीय शाश्त्रों में योग पर बहुत ही रोहक व चित्रित कथाएं लिखी पड़ी है| योग से सम्बंधित यहाँ वृधोक्ति और किवदंतियों भी कमी नहीं है| योग पर आधारित हमारे देश में बहुत से ग्रन्थ लिखे गए है,जिसमे एक पतंजलि योग दर्शन है हम लोग बहुत भाग्यशाली है और हमें गौरवान्वित होना चाहिये की यह विद्या हम लोगों के बीच है इस महान पवित्र सिद्धि के लिए हमारे पूर्वजों ने हजारों वर्षो तक प्रयत्न के बाद ये विद्याएँ मिली| जो लोग संसार को सत्य मानकर भोग प्राप्ति के लिए योग में लगा करते है उन्ही को उपर्युक्त ब्यग्रता,अनियमितता,दुराग्रह,आदि दोस विघ्न तथा सिद्धि आदि पाप सताया करते हैं| सच तो यह है की भोगों के लिए योग में लगना रोग और मृत्यु को पाना है और भग वासना को भष्म करने के लिए योग में लगना भगवान को पाना है| यही योग साधना का मूल मंत्र व सिधांत बिंदु है|

प्रश्न – आदरणीय गुरु जी मै हमारा महानगर का नियमित पाठक हु | हमारी नाक अक्सर जाम रहता है  और सिर में  भी दर्द रहता है डॉक्टर ने बताया की साइनस भी हो सकता है आपको जल नेति करने लाभ होगा कृपया जल नेति के बारे में बताये –आर.एन.पाण्डेय (अद्वोकेट)मुंबई

उत्तर–सबसे पहले आपको धन्यवाद् हमारा महानगर के नियमित पाठक के लिए |और रही बात जल नेति की आपको जल नेति के बारे में विस्तआर से वर्णन किया जा रहा है |

          जल नेति

जल नेति के लिए आवश्यक सामग्री

१-जल नेति पॉट

२-कुंकना पानी

३-आधा लीटर पानी में आधा चाय के चम्मच आधा चम्मच नमक घोल लें

सबसे पहले पॉट के टोटी को दायें नथुने के भीतर डालिए |

सिर को धीरे धीरे बड़े ध्यान से बाई ओर झुकाइये ||

धीरे धीरे पॉट से जलप्रवाह दाये नथुने की ओर |

आने दे बाएं नथुने से पानी निचे की ओर ||

मुह खोल के रखे सदा स्वास लेने के लिए |

सदा ध्यान रखे जल जरा अन्दर न पियें ||

लगभग बीस सेकण्ड तक जल प्रवाह होने दीजिये |

तत्पश्चात भस्त्रिका के द्वारा नासिका स्वस्छ कीजिये ||

अब बाई नथुने में पॉट के टोटी को लगाइए |

इसी क्रिया को पुनह बाई ओर दुहारिये ||

नासिका को शुष्क करना

पूर्ण होने के बाद खड़े हो दोनों हाथो को करके पीछे की ओर |

थोड़ा आगे की ओर झुके और स्वास को झटके निचे की ओर ||

आंख कान और गले की बिमारियों को झट पट दूर भागता |

अनियंत्रित क्रोध व सिर दर्द दूर कर ताजगी है लाता ||

यह क्रिया किसी योग गुरु के सानिध्य में ही करे |

श्री हरी नारायण सेवा संस्थान द्वारा संचालित परम पूज्य गगन गिरी महाराज अस्राम मनोरी मलाड वेस्ट प्रत्येक रविवार को योग ध्यान का शिविर का आयोजन किया गया है जिसका नाम लाइफ रिफैनरी (चित से चेतना की ओर)रखा गया है |आयोजन का लाभ लेने के लिए संपर्क करें- Anil kumar shukla 9930456295

सबका मंगल हो..!

पाठक अपने प्रश्न www.bhartendu.com पर करें |

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