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जेएनयू में देश विरोधी नारेबाजी के आरोपी छात्र उमर खालिद और अनिर्बान भट्टाचार्य को दिल्ली हाईकोर्ट ने सरेंडर करने का निर्देश दिया है. हाईकोर्ट ने दोनों को बुधवार तक के लिए गिरफ्तारी से अंतरिम राहत देने से इनकार कर दिया है. हाईकोर्ट ने उनके वकीलों से कहा कि दोनों छात्रों को कानून का पालन करते हुए आत्मसमर्पण करना होगा. वे जगह और समय बताएँ, जिसके अनुसार पुलिस उन्हें गिरफ्तार कर सके.
इससे पहले खालिद ने जेएनयू छात्रसंघ अध्यक्ष कन्हैया कुमार पर हुए हमले का हवाला देते हुए हाईकोर्ट में याचिका दायर कर सुरक्षा की व कोर्ट में ही आत्मसमर्पण की मांग की थी. परंतु पुलिस ने इसका विरोध किया था. आरोपी छात्र की याचिका पर बुधवार को कोर्ट सुनवाई करेगा. जेएनयू विवाद में खालिद को मुख्य आरोपी बताया जा रहा है.
इससे पहले दिल्ली पुलिस कमिश्नर बीएस बस्सी ने कहा था कि यदि आरोपी छात्रों को लगता है कि इन्होंने देशद्रोह नहीं किया है तो इस बात को साबित करें.
गौरतलब है कि खालिद समेत पांच फरार आरोपी छात्र रविवार रात से ही जेएनयू कैंपस में मौजूद हैं. देशद्रोह के आरोप में गिरफ्तार जेएनयू छात्रसंघ अध्यक्ष कन्हैया कुमार की जमानत याचिका पर भी हाईकोर्ट बुधवार को सुनवाई करेगी.
हालांकि अपने पहले के रुख से पलटते हुए दिल्ली पुलिस अब उसकी जमानत का विरोध करेगी. बस्सी ने कहा कि परिस्थितियों में बदलाव के चलते यह फैसला करना पड़ा. दिल्ली हाईकोर्ट ने नोटिस जारी कर दिल्ली पुलिस से कन्हैया की जमानत याचिका पर बुधवार तक स्थिति रिपोर्ट देने को कहा है.