एनपी न्यूज़ डेस्क | Navpravah.com
विटामिन डी वसा में घुलनशील विटामिन का समूह है और यह शरीर में कैल्शियम तथा फॉस्फेट के अवशोषण को बढ़ाता है, विटामिन डी की कमी से ग्रंथियां इस हॉर्मोन का ज्यादा उत्सर्जन करने लगती हैं, इससे सेहत पर विपरीत असर पड़ने लगता है।
डायबिटीज मोटापे के कारण होती है यह तो आप जानते हैं लेकिन क्या आपको यह भी पता है कि मोटापे के साथ-साथ विटामिन डी की कमी भी इस रोग के लिए जिम्मेदार प्रमुख कारकों में से एक है।
जिन लोगों में विटामिन ‘डी’ का स्तर कम होता है उन्हें मल्टीपल स्क्लेरोसिस होने का खतरा भी बढ़ जाता है, मल्टीपल स्क्लेरोसिस से ब्रेन पर असर पड़ता है, ऐसे में मरीज के अंग धीरे-धीरे काम करना बंद कर देते हैं।
शरीर में विटामिन डी की कमी आपके बच्चों के लिए खतरनाक साबित हो सकती है। एक नए अध्ययन में शोधकर्ताओं ने पाया है कि बच्चों में लंबे समय तक विटामिन डी की कमी बने रहना एनीमिया रोग का कारण बन सकती है।
विटामिन डी की कमी न सिर्फ शारीरिक स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है। बल्कि यह आपके मानसिक स्वास्थ्य पर भी प्रभाव डाल सकता है। विटामिन डी मस्तिष्क में अवसाद संबंधी केमिकल सेरोटोनिन तथा डोपामिन के निर्माण में अहम भूमिका निभाता है। इसलिए अच्छे मानसिक स्वास्थ्य के लिए शरीर में विटामिन डी का स्तर पर्याप्त होना चाहिए।
विटामिन डी की कमी से मोटापा भी बढ़ने लगता है। विटामिन डी की मात्रा और शरीर में मोटापे के सूचक बॉडी मास इंडेक्स, कमर का आकार और स्कीन फोल्ड रेशीओं में गहरा संबंध है। जिन महिलाओं में विटामिन डी की कमी थी। उनमें विटामिन डी की मात्रा अधिक होने वालियों की अपेक्षाकृत मोटापा तेजी से बढता है।