एनपी न्यूज़ डेस्क | Navpravah.com
आजकल मानो अच्छी नींद आती ही नहीं है,जो कि अच्छे स्वास्थय के लिए जरूरी है। एक ताजा सर्वे के अनुसार, देर रात तक मोबाइल फोन या लैपटॉप से चिपके रहने की आदत या शिफ्टों में काम करने की मजबूरी के चलते भारत में लोगों की नींद लगातार कम हो रही है।
फिलिप्स द्वारा किए गए ‘बेटर स्लीप बेटर हेल्थ’ शीर्षक एक सर्वे के अनुसार, एक वैश्विक सर्वेक्षण की मानें तो 32% भारतीय वयस्कों की नींद कम होने की प्रमुख वजह तकनीक से होने वाला व्यवधान है। अब 24 घंटे काम करने का चलन है, जिससे लोग सोने का जो आम समय है, उस दौरान वह पालियों में काम करते हैं। इससे उनकी नींद लगातार कम हो रही है। इसे ‘शिफ्ट वर्क स्लीप डिसऑर्डर’ कहते हैं।
हालांकि दुनिया भर में सोने में व्यवधान को लेकर जागरुकता बढ़ रही है, लेकिन सर्वेक्षण के मुताबिक, भारतीय इसे लेकर जरा भी सजग नहीं है और यह उनकी प्राथमिकता में भी नहीं है।
सर्वेक्षण के मुताबिक, भारतीयों का मानना है कि तकनीक उनकी नींद में खलल का मुख्य स्रोत बन गयी है। वे गहरी नींद की जगह व्यायाम को तरजीह देते हैं। सर्वेक्षण में शामिल हुए लोगों के उत्तर के हिसाब से दुनिया भर में अनिद्रा से प्रभावित लोगों की संख्या 26% है, जबकि 21% लोग खर्राटों की वजह से जागते रहते हैं।