लखनऊ। उत्तर प्रदेश के बेसिक शिक्षा राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ। सतीश चन्द्र द्विवेदी ने मंगलवार को यहां कहा कि प्रदेश में अभियान चलाकर फर्जी शिक्षकों को बाहर किया जाएगा। डॉ। सतीश चंद्र द्विवेदी ने कार्यभार ग्रहण करने के बाद पत्रकारों से कहा कि एसआईटी ने प्रदेश में 4000 फर्जी शिक्षक चिन्हित किए हैं, जिनमें से 1300 को चिन्हित कर कार्रवाई की जा चुकी है। हम लोग सूबे में बड़ा अभियान चलाकर अब फर्जी शिक्षकों को विभाग से बाहर करेंगे।
डॉ। सतीश चंद्र द्विवेदी ने कहा कि तबादले के लिए इंडेक्स सिस्टम लागू किया जाएगा। पहले पांच साल सेवा पर ही तबादले का नियम था, अब इसे घटाकर तीन साल कर दिया गया है। अक्टूबर से आवेदन लेंगे। अगले सत्र की शुरुआत से पहले तबादला कर दिया जाएगा।
मंत्री ने कहा कि महिला शिक्षक के लिए तबादले की समयसीमा तीन वर्ष से घटाकर एक वर्ष की जाएगी। सैनिकों की पत्नी का तो उनकी प्राथमिकता के आधार पर तबादला होगा। इसके साथ ही गंभीर रोग से पीड़ित और दिव्यांग को भी प्राथमिकता मिलेगी। एक जिले से दूसरे जिले और जिले के भीतर तबादला हो सकेगा। केवल अपने ग्राम पंचायत में तैनाती नहीं हो सकेगी।
उन्होंने बताया, मृतक शिक्षकों के आश्रितों की नियुक्ति अब समयबद्ध की जाएगी। जो आश्रित शिक्षक बनने योग्य हैं और टीईटी पास हैं, उन्हें शिक्षक बनाएंगे। जो मृतक आश्रित जरूरी शैक्षिक योग्यता रखते हैं और चतुर्थ श्रेणी कमर्चारी हैं, अगर टीईटी पास करते हैं तो उन्हें भी शिक्षक बनाया जाएगा। द्विवेदी ने बताया, ‘बेसिक शिक्षा परिषद का कार्यालय लखनऊ स्थानांतरित किया जाएगा। स्कूली शिक्षा के लिए अब अलग से निदेशालय बनेगा। इसमें अलग से डायरेक्टर जनरल नियुक्त होगा। बेसिक शिक्षा का अलग संवर्ग बनेगा।