नवप्रवाह न्यूज नेटवर्क
शहर के ससून हॉस्पिटल के कोविड हॉस्पिटल में कोरोना संक्रमित पेशेंटों से अधिक कोरोना लक्षण जैसे ही लक्षण होने वाले ‘सारी’ (सिवियर एक्यूट रेस्पिरेटरी इलनेस) तथा अन्य बीमारियां होने वाले पेशेंटों की संख्या अधिक होने की जानकारी सामने आई है. ससून हॉस्पिटल परिसर के कोविड हॉस्पिटल में कोरोना संक्रमित पेशेंटों से अधिक कोरोना के लक्षणों जैसे लक्षण होने वाले सारी व अन्य बीमारियां होने वाले पेशेंटों की संख्या अधिक होने की जानकारी सामने आई है.
अब तक ससून हॉस्पिटल में करीब 21 हजार से अधिक संदिग्ध पेशेंट भर्ती किए गए थे. उनमें से केवल 4 हजार 800 पेशेंट कोरोना से संक्रमित हुए हैं. शेष पेशेंटों में आधे से अधिक पेशेंट सारी के पेशेंट हैं. अन्य पेशेंटों को भी बुखार और खांसी के लक्षण हैं. ससून हॉस्पिटल में मार्च के आखिरी सप्ताह से कोरोना संक्रमित पेशेंट भर्ती करने की शुरुआत हुई. शुरू में मनपा के सिस्टम के जरिए और प्राइवेट हॉस्पिटलों से पेशेंट भेजे जाते थे. कुछ दिनों में ससून में फ्लू ओपीडी शुरू किया गया. कोरोना संक्रमितों के संपर्क में आने वाले तथा लक्षण दिखाई देने वाले पेशेंटों को हॉस्पिटल में ही भर्ती किए जाने लगा. लक्षण न होने वाले पेशेंटों को कोविड केयर सेंटर में भेजा जाता था. ससून की नई 11 मंजिली बिल्डिंग में लक्षण होने वाले लेकिन कोरोना की रिपोर्ट निगेटिव आने वाले पेशेंट के अधिक होने से उनके लिए अलग वार्ड बनाया गया.
हॉस्पिटल की रिपोर्ट के अनुसार 31 अक्टूबर तक हॉस्पिटल में करीब 21 हजार पेशेंट भर्ती हुए थे. उन सभी में कोरोना के लक्षण दिखाई दे रहे थे. उनके सैम्पल जांच के लिए लैब में भेजे गए. उनमें से केवल 4 हजार 800 पेशेंटों की रिपोर्ट पॉजिटिव आई. शेष 15 हजार 200 पेशेंटों की रिपोर्ट निगेटिव आई, लेकिन उनमें सारी के लक्षण यानी सांस लेने में परेशानी, बुखार और खांसी जैसे लक्षण थे. इसलिए उनका हॉस्पिटल में ही इलाज किया गया. उनमें से कुछ पेशेंटों को ऑक्सीजन और वेंटिलेटर की जरूरत भी पड़ी.
ससून हॉस्पिटल के डीन डॉ. मुरलीधर तांबे ने कहा कि, ससून में भर्ती होने वाले संदिग्ध पेशेंटों में सबसे अधिक सारी के पेशेंट हैं. जबकि अन्य पेशेंटों में कोई न कोई लक्षण था. कोरोना निगेटिव या लक्षण न होने वाले संदिग्ध पेशेंटों को शुरू से भर्ती नहीं किया जाता. लक्षण होने वाले संदिग्ध पेशेंट सभी विभागों में हैं. संदिग्ध पेशेंटों के लिए अलग वार्ड है. ज्यादातर पेशेंट अन्य हॉस्पिटलों द्वारा भेजे जाते हैं. ससून में आने वाले पेशेंट को बिना इलाज किए वापस भेजा नहीं जाता.
– क्या है ‘सारी’ बीमारी?
सिवियर एक्युट रेस्पिरेटरी इलनेस (सारी) यानी सांस लेने के रूट का संक्रमण. इसमें पेशेंटों को सांस लेने की परेशानी के साथ बुखार, खांसी और सर्दी के लक्षण दिखाई देते हैं. यहीं लक्षण कोविड-19 के भी हैं. इसलिए फिलहाल हॉस्पिटल में भर्ती होने वाले इन लक्षणों के सभी पेशेंट कोरोना संदिग्ध माने जाते हैं. लैब की रिपोर्ट निगेटिव मिलने और ऐसे लक्षण होने वाले ज्यादातर पेशेंटों को सारी पेशेंट माना जाता है. यह जानकारी ससून हॉस्पिटल के विशेषज्ञों ने दी.