पीएनबी घोटाले का सीधा असर शेयर बाजार पर पड़ रहा है। शुरुआती बढ़त के बाद बाजार लगातार नीचे की ओर फिसलता जा रहा है। सेंसेक्स में अब तक 400 अंकों की गिरावट देखी जा चुकी है। दूसरी ओर ऊपरी स्तर से सेंसेक्स करीब 500 प्वाइंट टूट चुका है। निफ्टी की बात करें, तो यह करीब 10,300 का कारोबार कर रहा है, जिसके तहत इसमें भी तक़रीबन 150 अंकों की गिरावट आई है। इस वक्त बाज़ार पर दबाव बनाने वालों में बैंक्स शामिल हैं, जिसमें सबसे ज्यादा पंजाब नेशनल बैंक और इलाहाबाद बैंक में गिरावट आई है। यह दोनों 11% से ज्यादा टूट चुके हैं।
लार्जकैप शेयरों के साथ मिडकैप और स्मॉलकैप शेयरों में भी भारी गिरावट देखने को मिली है। बीएसई का मिडकैप इंडेक्स 0.47 फीसदी गिरा है। जबकि बीएसई के स्मॉलकैप इंडेक्स में 0.45 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई है। मिडकैप शेयरों में यूनियन बैंक, सन टीवी, कॉनकोर, इंडियन बैंक, जीएमआर इंफ्रा, हडको, डिविस लैब, अडानी एंटरप्राइजेज 4.02-1.95 फीसदी तक गिरा। स्मॉलकैप शेयरों में गीतांजलि जेम्स, यूको बैंक, आरजेएल, जीटीएल इंफ्रा, इलाहाबाद बैंक 9.99-4.93 फीसदी तक गिरे हैं।
पीएनबी में हुए घोटाले के बाद सभी सरकारी बैंकों के शेयरों में गिरावट आई है, जिसके चलते बाजार पर दबाव बना हुआ है। इलाहाबाद बैंक, पीएनबी, यूनियन बैंक, सिंडिकेट बैंक, इंडियन बैंक, बैंक ऑफ इंडिया, ओरिएंट बैंक और बैंक ऑफ बड़ौदा में भारी गिरावट से निफ्टी पीएसयू बैंक इंडेक्स 5.65 फीसदी तक टूट गया है। पिछले हफ्ते की तरह इस हफ्ते भी शेयर बाजार में गिरावट का सिलसिला चलता रहा।
एनालिस्ट अरुण केजरीवाल ने बताया कि सेंसेक्स 34,000 का मनोवैज्ञानिक स्तर टूट चुका है। पीएनबी घोटाले के कारण पूरे बैंकिंग सेक्टर में दबाव है। यह दबाव आगे भी बने रहने की सम्भावना है। ऐसे में बाज़ार का सामान्य होना असंभव हो गया है। इस स्थिति में बाज़ार कमजोर ही बना रहेगा।