क्राइम डेस्क।। प्रयागराज होई कोर्ट ने पूछा कि किस नियम के तहत फोटो लगाए गए. हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस गोविंद माथुर ने इस मामले का स्वतः संज्ञान लिया है.लखनऊ में लगे उपद्रवियों के पोस्टर पर हाई कोर्ट में हुई. रविवार को प्रयागराज हाई कोर्ट में सुनवाईहिंसा करने वाले 53 उपद्रवियों के लगे पोस्टर। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में उपद्रवियों के पोस्टर लगाए जाने को लेकर प्रयागराज हाई कोर्ट में रविवार को सुनवाई होगी, लेकिन उससे पहले कोर्ट ने लखनऊ के पुलिस कमिश्नर और जिलाधिकारी को तलब किया है. अदालत ने पूछा कि किस नियम के तहत फोटो लगाए गए. हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस गोविंद माथुर ने इस मामले का स्वतः संज्ञान लिया है.
हाई कोर्ट की सख्त टिप्पणी के बाद कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने उत्तर प्रदेश की योगी सरकार पर निशाना साधा है. उन्होंने ट्वीट किया कि यूपी की भाजपा सरकार का रवैया ऐसा है कि सरकार के मुखिया और उनके नक्शे कदम पर चलने वाले अधिकारी खुद को बाबासाहेब अंबेडकर द्वारा बनाए गए संविधान से ऊपर समझने लगे हैं. उच्च न्यायालय ने सरकार को बताया है कि आप संविधान से ऊपर नहीं हो, आपकी जवाबदेही तय होगी.
आपको बता दें कि लखनऊ में दिसंबर में नागिरकता कानून के खिलाफ हिंसक प्रदर्शन हुए थे. इस दौरान उपद्रवियों ने लखनऊ में सरकारी संस्थाओं को नुकसान पहुंचाया था. जिला प्रशासन ने सीएए विरोधी उपद्रवियों की पहचाने के लिए शहर में पोस्टर लगाए हैं. रविवार को प्रयागराज हाई कोर्ट में इस मामले पर सुनवाई होगी.
नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ भड़की हिंसा में नुकसान की भरपाई के लिए तोड़फोड़ और आगजनी करने वाले 53 आरोपियों के पोस्टर लगाए गए. लखनऊ में 19 दिसंबर को सड़कों पर जमकर आगजनी और तोड़फोड़ की गई थी.
हिंसा में निजी और सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने वालों में ट्रांस गोमती के 13, हजरतगंज के 24 और पुराने लखनऊ के 16 उपद्रवियों के पोस्टर लगाए गए हैं. हजरतगंज चौराहे समेत शहर के 12 से ज्यादा इलाकों में उपद्रवियों के पोस्ट लगाए गए हैं.
लखनऊ में नुकसान की रिकवरी के लिए योगी सरकार ने जारी किया आदेश-
प्रशासन द्वारा लखनऊ के प्रमुख चौराहों पर 100 होर्डिंग्स लगाई गई हैं. जिला प्रशासन ने आदेश दिया है कि अगर तयशुदा वक्त में रिकवरी का पैसा नहीं चुकाया गया, तो कुर्की की कार्रवाई की जाएगी. हसनगंज, हजरतगंज, कैसरबाग और ठाकुरगंज थाना क्षेत्र के 57 लोग अब तक चिन्हित किए जा चुके हैं. इन सब पर हिंसा फैलाने का आरोप है. इन लोगों के खिलाफ 1 करोड़ 55 लाख 62 हज़ार 537 रुपये की रिकवरी का आदेश जारी किया जा चुका है.