एनपी न्यूज़ डेस्क|Navpravah.com
विकलांग की जगह दिव्यांग शब्द का इस्तेमाल करने की अपील पीएम मोदी ने 2 साल पहले की थी। इस पर अमल करते हुए रेलवे ने ऐसे लोगों को जारी रियायती प्रमाणपत्रों में बदलाव करने का फैसला लिया है। रेल मंत्रालय की ओर से जारी एक आदेश के अनुसार नेत्रहीन को दृष्टिबाधित से, मूक बधिर को वाक एंव श्रवण विकार और विकलांग शब्द को दिव्यांग से बदला जाएगा।
एक अधिकारी ने कहा, ये शब्द अपमानजनक हैं और इनमें बदलाव की आवश्यकता है। परफॉर्मा में बदलाव किए जा रहे हैं। पीएम मोदी ने मन की बात कार्यक्रम में 2 साल पहले लोगों से विकलांग की जगह दिव्यांग शब्द इस्तेमाल करने की अपील की थी। पीएम का कहना था, ऐसे लोगों के लिए दुनिया में अनेक-अनेक शब्द प्रयोग हुए हैं, लेकिन हमेशा इन शब्दों के प्रति भी चिंतन चलता रहा है। ये शब्द उनके पहचान के लिए अच्छा नहीं लगता है, सम्मानजनक नहीं लगता है।
रेलवे इस वर्ष के अंत तक ऐसी तीन हजार बोगियों का निर्माण करेगी। इन बोगियों में दिव्यांगों की यात्रा आरामदायक और बिना परेशानी के होगी। दिव्यांगों के लिए मुख्य आयुक्त कमलेश पांडे ने बताया कि दिव्यांग यात्रियों के सफर को सुविधाजनक बनाने के लिए इन बोगियों में कई सुविधाएं होंगी।
उन्होंने कहा इससे पहले अशक्तता कानून, 1995 में शारीरिक रूप से अक्षम व्यक्तियों के लिए सात वर्ग थे। अब इस कानून में और 21 वर्गों को शामिल किया गया है, जिनमें मानसिक बीमारी, थैलेसीमिया, बौनापन और तेजाब से जख्मी लोग शामिल है।