स्पोर्ट्स डेस्क. विख्यात भारतीय क्रिकेटर सचिन तेंडुलकर ऐडिलेड ओवल में ग्लेन मैकग्रा के बाउंसर पर पगबाधा आउट दिए जाने के अंपायर के निर्णय से नाराज थे। ऑस्ट्रेलियाई दिग्गज ग्लेन मैक्ग्रा ने कहा कि भारतीय स्टार को तब LBW नहीं बल्कि SBW आउट दिया जाना चाहिए था। मैक्ग्रा ने तेंडुलकर के साथ अपनी मैदानी जंग के कुछ घटनाओं को याद करते हुए दिसंबर 1999 की उस घटना को भी याद किया है, जब उनका कुछ कम उपर उठा बांउसर सचिन के कंधे से लगा था और अंपायर डेरल हार्पर ने उन्हें पगबाधा आउट करार दिया था। तेंडुलकर इस फैसले से सहमत नहीं थे।
मैक्ग्रा ने कहा क्या यह LBW था। उसे SBW (शोल्डर बिफोर विकेट) करार दिया जाना चाहिए था। ऑस्ट्रेलियाई दिग्गज बॉलर ने ‘एचसीएल स्पोर्ट्स नाइट’ के दौरान इस घटना के बारे में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने बताया सचिन बल्लेबाजी कर रहे थे और अभी उन्होंने क्रीज पर कदम रखा ही था और मैंने उन्हें बाउंसर किया और सचिन लंबे कद के खिलाड़ी नहीं हैं।
उन्होंने कहा बाउंसर अमूमन उसके सिर के ऊपर से निकल जाता है, लेकिन उस दिन उसमें ज्यादा उछाल नहीं थी। सचिन तेंदुलकर नीचे झुक गए और गेंद सीधे उसके कंधे पर लगी। क्योंकि सचिन लंबे कद कगे नहीं है, इसलिए जब नीचे झुके तो मैंने देखा कि गेंद बीच के स्टंप को हिट कर रही थी। इसलिए मैंने अपील की और अंपायर ने उन्हें आउट दे दिया। यद्यपि सचिन इस फैसले से खुश नहीं थे।
सचिन तेंदुलकर मन में गुस्सा लिए हुए पविलियन लौट गए। क्या यह LBW था? नहीं, उसे SBWA (शोल्डर बिफोर विकेट) करार दिया जाना चाहिए था। मैक्ग्रा ने इसके अलावा विश्व कप 2003 फाइनल का भी जिक्र किया जब उन्होंने तेंडुलकर को शुरू में ही आउट कर दिया था और दर्शक इससे खुश नहीं थे। इस ऑस्ट्रेलियाई स्टार ने खुलासा किया कि तेंडुलकर ने कुछ अवसरों पर उनके खिलाफ छींटाकशी भी की। मैकग्रा ने कहा उन्हें ब्रायन लारा और तेंडुलकर जैसे दिग्गज बल्लेबाजों को गेंदबाजी करने में हमेशा आनंद आया। उन्होंने कहा मैंने उसे कुछ अवसरों पर आउट किया और उसने हमारे खिलाफ कुछ अच्छे शतक भी बनाए। इसलिए हमारे बीच का मुकाबला 50-50 जैसा रहा।