सौम्या केसरवानी । Navpravah.com
केंद्रीय पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस और कौशल विकास व उद्यमिता मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने आज कहा कि देश में युवाओं को रोजगारपरक और उत्पादक शिक्षा की जरूरत है, जिसके लिए कौशल विकास पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है।
पेट्रोलियम मंत्री ने कहा, कौशल विकास का संबंध आंकाक्षाओं से है और युवाओं में उनकी आकांक्षाओं के अनुरूप उनका कौशल विकास करने की आवश्यकता है। युवाओं में पढ़ाई के साथ-साथ कमाई करने का हुनर विकसित करने की जरूरत है।
उन्होंने जर्मनी का उदाहरण देते हुए कहा कि द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान जर्मनी की अर्थव्यवस्था ध्वस्त हो गई थी और एक दीवार खींच कर जर्मनी को दो भागों में बांट दिया गया था, लेकिन वहां की संस्कृति में कोई दीवार पैदा नहीं हुई और लोगों की आकांक्षाओं में कोई कमी नहीं दिखी, जिसके बदौलत आज प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में जर्मनी आगे है।
प्रधान ने कहा कि, हमें भी नवोन्मेषी संस्कृति विकसित करने और समाज की मांग के अनुरूप वैश्विक स्तर के नवाचार को बढ़ावा देने की जरूरत है, उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने बायोमास से बायोफ्यूल बनाने की योजना शुरू की है, जिसमें पर्यावरण संबंधी समस्याओं का समाधान करने के साथ-साथ रोजगार के अवसर भी पैदा होंगे।
इस मौके पर जयपुरिया ग्रुप के चेयरमैन शिशिर जयपुरिया ने कहा कि, वह युवाओं को रोजगार परक शिक्षा प्रदान करने के लिए उनमें कौशल विकास पर विशेष ध्यान देते हैं, और इसके कारण उनके संस्थान से पास हुए छात्र-छात्राओं को नौकरी के लिए भटकना नहीं पड़ता है।