अनुज हनुमत,
सुप्रीम कोर्ट ने व्हाट्सएप पर बैन लगाने से संबंधित याचिका बुधवार को खारिज कर दी। अदालत ने साफ किया कि यह याचिका सुनवाई के लायक नहीं है। ऐसे में यदि याचिकाकर्ता को जरूरी लगता है, तो वह केंद्र सरकार या टेलीकॉम डिस्प्युट्स सेटलमेंट एंड एपीलेट ट्रिब्यूनल (टीडीएसएटी) के पास जाए।
हरियाणा के सुधीर यादव ने सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका दायर कर मांग की थी कि व्हाट्सएप, वाइबर, टेलीग्राम, हाइक और सिग्नल जैसे मैसेजिंग एप में एनक्रिप्शन सिस्टम लागू होने के बाद देश की सुरक्षा के लिए खतरा पैदा हो गया है। इससे आतंकवादियों और अपराधियों को मदद मिलती है। ऐसे में इन मैसेजिंग एप पर पाबंदी लगाने की जरूरत है।
साथ ही याचिका में व्हाट्सऐप के अलावा दूसरी भी कई ऐप्स का जिक्र किया गया था। याचिका में यह भी कहा गया था कि एन्क्रिप्शन को सुपर कंप्यूटर से भी इंटरसेप्ट नहीं किया जा सकता। इसलिए व्हाट्स ऐप, वाइबर, टेलीग्राम, हाइक और सिग्नल जैसे ऐप्स पर रोक लगाई जानी चाहिए।
सुधीर यादव का कहना है कि सुपर कंप्यूटर भी इन एनक्रिप्शन मैसेज को इंटरसेप्ट नहीं कर सकता है। 256 बाइट के इनक्रिप्टेड मैसेज को जानने में सैकड़ों साल लग जाते हैं। यहां तक कि सुरक्षा एजेंसियां भी इन मैसेज को डिकोड नहीं कर सकतीं। अगर खुद व्हाट्सएप भी चाहे तो वह भी इन संदेशों को उपलब्ध नहीं कर सकता है।
वहीं, व्हाट्सएप का कहना है कि एनक्रिप्शन मैसेज के बाद किसी के लिए भी यह संभव नहीं है कि वह दो लोगों के बीच अथवा ग्रुप के बीच की गई बात को जान सके।