सौम्या केसरवानी | Navpravah.com
कुछ दिन पहले खबर थी कि पेमेंट गेटवे मास्टर कार्ड ने भारत के स्वदेशी पेमेंट नेटवर्क रुपे (RuPay) की बढ़ती लोकप्रियता और इस्तेमाल की वजह से ट्रंप सरकार से मोदी सरकार की शिकायत की है।
इस खबर पर अमेरिका और भारत सरकार की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई थी, लेकिन इसी बीच वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कल कहा कि स्वदेशी रुपे कार्ड और युनिफाइड भुगतान इंटरफेस की वजह से मास्टर कार्ड और वीजा जैसी वैश्विक भुगतान गेटवे कंपनियां अपनी बाजार हिस्सेदारी गंवा रही हैं।
जेटली ने कहा, वीजा और मास्टर कार्ड आज भारतीय बाजार में अपनी हिस्सेदारी गंवा रही हैं, डेबिट और क्रेडिट कार्ड से किए जाने वाले कुल भुगतान में स्वदेशी तौर पर विकसित यूपीआई और रुपे कार्ड की बाजार हिस्सेदारी 65 फीसदी तक पहुंच गई है।
यूपीआई को 2016 में शुरू किया गया था, इसमें वास्तविक समय में दो मोबाइल धारकों के बीच भुगतान होता है, इसके जरिये अक्टूबर 2016 में भुगतान 50 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया था जो सितंबर 2018 में बढ़कर 59,800 करोड़ रुपये हो गया।
नोटबंदी से पहले रुपे कार्ड से 800 करोड़ रुपये का लेनदेन होता था, इस कार्ड के स्वाइप से सितंबर 2018 तक लेन-देन बढ़कर 5,730 करोड़ रुपये हो गया, जबकि रुपे कार्ड से ई-वाणिज्य साइटों पर की जाने वाली खरीद 300 करोड़ रुपये से बढ़कर 2,700 करोड़ रुपये हो गई है।