एनपी न्यूज़ डेस्क | Navpravah.com
ई-कॉमर्स कंपनियों पर एफडीआई से जुड़े नए नियम लागू होने की तिथि बढ़ सकती है, अभी ये नियम 1 फरवरी से लागू होना तय हैं, सरकार की तरफ से डेडलाइन को 2 से 3 महीने तक आगे बढ़ा सकती है।
बता दें कि, दिसंबर में सरकार ने नोटिफिकेशन जारी कर कर ई-कॉमर्स कंपनियों में एफडीआई से जुड़े नियमों को सख्त किया था, इस नियम के लागू होने के बाद फ्लिपकार्ट और अमेजन जैसी ऑनलाइन कंपनियां अपने प्लेटफार्म पर एक्सक्लूसिव प्रोडक्ट नहीं बेच पाएंगीं।
किसी माल के लिए एक्सक्लूसिव प्लेटफॉर्म नहीं होगा
सरकार की सफाई के अनुसार ई-कॉमर्स कंपनियां मार्केट प्लेस कंपनियां है और बिजनेस टू बिजनेस मॉडल में ही 100 प्रतिशत एफडीआई की ऑटोमेटिक रूट के जरिये अनुमति है।
सरकार के नोटिफिकेशन के अनुसार विक्रेताओं पर ई-कॉमर्स कंपनियां दबाव नहीं डाल सकतीं और विक्रेता अपना माल कई ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म पर बेच सकेगा, कई मौकों पर नए फोन या प्रोडक्ट सिर्फ चुनिंदा ई-कॉमर्स साइट पर ही लॉन्च होते है लेकिन नए नियमों के बाद किसी माल के लिए एक्सक्लूसिव प्लेटफॉर्म नहीं होगा।
दुनिया के सबसे बड़े रिटेलर वॉलमार्ट ने भारतीय ई-कॉमर्स कंपनी फ्लिपकार्ट में 16 मिलीयन डॉलर का निवेश किया है और 77 प्रतिशत की हिस्सेदारी खरीदी है, इसके बाद भारत में मौजूद दोनों बड़े ई-कॉमर्स प्लेयर अमेजन और फ्लिपकार्ट का अमेरिका कनेक्शन है, अमेरिकी सरकार भी फ्लिपकार्ट और अमेजन के हितों को देखते हुए भारत सरकार पर नियमों में ढील देने का दबाव बना रही है।
फ्लिपकार्ट और अमेजन जैसी कंपनियां अपनी सब्सिडियरीज बना कर उनके प्रोडक्ट्स अपने प्लेटफॉर्म पर बेचती हैं, लेकिन किसी भी कंपनी में अगर ई-कॉमर्स कंपनी की हिस्सेदारी है तो वो कंपनियां अपना या सब्सिडियरीज का माल नहीं बेच सकेंगीं।