शिखा पाण्डेय | Navpravah.com
मोदी सरकार अपने ‘अच्छे दिन’ लाने के वादे पर पूर्णतः खरी उतरती नज़र आ रही है। बिजली मंत्रालय के अनुसार भारत पहली बार इस वित्त वर्ष के दौरान बिजली का शुद्ध निर्यातक बना है। मंत्रालय ने एक बयान में कहा, ‘‘केंद्रीय विद्युत प्राधिकरण (सीईए) के अनुसार भारत पहली बार बिजली के शुद्ध आयातक से शुद्ध निर्यातक बना।’’
बिजली मंत्रालय द्वारा जारी बयान के मुताबिक चालू वित्त वर्ष 2016-17 (अप्रैल-फरवरी) के दौरान भारत ने 579.8 करोड़ यूनिट बिजली नेपाल, बांग्लादेश तथा म्यांमा को निर्यात की। यह भूटान से आयातित करीब 558.5 करोड़ यूनिट बिजली से 21.2 करोड़ यूनिट अधिक है। नेपाल और बांग्लादेश को किया गया निर्यात पिछले तीन साल में क्रमशः 2.5 और 2.8 गुना बढ़ा है।
वैसे तो भारत की छवि बिजली की स्थिति को लेकर खासा अच्छी नहीं रही है लेकिन, आज भारत बिजली का निर्यातक बन चुका है। बीते कुछ सालों में भारत ने पावर जेनरेशन में भारी निवेश किए हैं। वहीं कोयला से बिजली बनाने में भी भारत को काफी फायदा बीते दो सालों में पहुंचा है। गौरतलब है कि 1980 के मध्य से भारत ने सीमा पार से बिजली का व्यापार शुरू किया। उस समय से भारत भूटान से बिजली का आयात कर रहा है। औसतन भूटान से 500 से 550 करोड़ यूनिट बिजली की आपूर्ति हो रही है। दूसरी ओर भारत नेपाल को बिहार और उत्तर प्रदेश से क्रमशः 33 केवी और 132 केवी का निर्यात करता रहा है।