बजट 2017-18: आम आदमी खुश, करदाताओं को बड़ी राहत

अनुज हनुमत | Navpravah.com

विपक्ष के शोरशराबे के बीच आज दोपहर वित्तमंत्री अरुण जेटली ने सदन में वर्ष 2017-18 का आम बजट पेश किया। सबसे खास बात यह रही कि इस बार आम बजट के साथ रेल बजट भी पेश किया गया। सदन में वित्त मंत्री अरुण जेटली ने आम बजट पेश करने से पहले शुरुआत शायरी से करते हुये कहा कि ‘जो बात है नई उससे क्यों डरते हैं आप, इस मोड़ पर घबराकर न थम जाइये आप। जो बात नई उसे अपनाइये आप डरते हैं नई राह पे क्यूं चलने से, हम आगे-आगे चलते हैं, साथ आइए आप।’

शायरी से वित्तमंत्री का इशारा नोटबंदी की तरफ था। अरूण जेटली ने कहा, ‘नोटबंदी से देश को वित्तीय मजबूती मिली है।’ 2017-18 के बजट में केंद्र सरकार ने करदाताओं को बड़ी राहत दी है। इनकम टैक्स ढांचे में बदलाव करते हुए मोदी सरकार ने बजट में अब तीन लाख तक की आमदनी टैक्स फ्री कर दी है। इनकम टैक्स स्लैब को 2.5 लाख से बढ़ाकर तीन लाख किया गया है। तीन से पांच लाख तक की आय पर पांच फीसदी टैक्स देना होगा।

इस आम बजट में केंद्रीय वित्‍त मंत्री अरुण जेटली ने 2.5 लाख रुपये और 5 लाख रुपये के बीच की आय वाले व्‍यक्तिगत करदाताओं के लिए टैक्स स्लैब की मौजूदा दर को 10 प्रतिशत से घटाकर 5 प्रतिशत कर दिया है। इसके परिणामस्‍वरूप 5 लाख रुपये से कम आय वाले सभी करदाताओं की कर देनदारी घटकर शून्‍य (छूट सहित) हो जाएगी या उनकी मौजूदा देनदारी का 50 प्रतिशत रह जाएगी।

केन्‍द्रीय वित्‍त मंत्री जेटली ने आज संसद में आम बजट 2017-18 पेश करते हुए कहा कि कराधान का वर्तमान बोझ मुख्‍यत: ईमानदार करदाताओं और वेतनभोगी कर्मचारियों पर है, जो अपनी आय को सही रूप में दर्शाते हैं। अत: नोटबंदी के पश्‍चात इस वर्ग के लोगों की यह आशा जायज है कि उनके कराधान के बोझ को कम किया जाए। वित्‍त मंत्री ने यह भी कहा कि यदि निम्‍न आय स्‍लैब के लिए टैक्‍स की दर को सामान्‍य रखा जाता है, तो बड़ी संख्‍या में लोग कर दायरे में आएंगे। उन्‍होंने भारत के सभी नागरिकों से यह अपील की कि यदि उनकी आय 2.5 लाख रुपये से लेकर 5 लाख रुपये तक के सबसे निचले स्‍लैब के अंतर्गत आती है तो वे 5 प्रतिशत कर की छोटी सी अदायगी करते हुए राष्‍ट्र निर्माण में भागीदार बनें।

केन्‍द्रीय वित्‍त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि सरकार कर के दायरे में ऐसे लोगों को भी लाने का प्रयास कर रही है, जो करों की चोरी कर रहे हैं। अत: कर दायरे को बढ़ाने के लिए व्‍यावसायिक आय से इतर 5 लाख रुपये तक की कर योग्‍य आय वाले करदाताओं के लिए आयकर रिटर्न के रूप में भरे जाने हेतु सिर्फ एक पृष्‍ठ का फॉर्म पेश करने का निर्णय लिया गया है। उन्‍होंने कहा कि इसके अतिरिक्‍त इस श्रेणी के किसी भी व्‍यक्ति, जो प्रथम बार आयकर रिटर्न भरता है, को प्रथम वर्ष में तब तक किसी भी जांच का सामना नहीं करना पड़़ेगा, जब तक कि उसके उच्‍च मूल्‍य वाले लेन-देन के बारे में विभाग के पास विशिष्‍ट सूचना उपलब्‍ध न हो।

अपने बजट भाषण में वित्‍त मंत्री ने यह भी कहा कि लाभ की पुनरावृत्ति को रोकने के लिए लाभार्थियों के इस समूह को उपलब्‍ध छूट के मौजूदा लाभ को घटाकर 2500 रुपये किया जा रहा है, जो 3.5 लाख रुपये तक की सालाना आय वाले करदाताओं के लिए ही उपलब्‍ध है। इन दोनों उपायों का संयुक्‍त प्रभाव यह होगा कि प्रति वर्ष 3 लाख रुपये तक की आय वाले व्‍यक्तियों के लिए कर देनदारी शून्‍य होगी और 3 लाख रुपये से लेकर 3.5 लाख रुपये तक की आय वाले व्‍यक्तियों के लिए कर देनदारी मात्र 2500 रुपये होगी। चूंकि 5 लाख रुपये तक की आय वाले करदाताओं की कर देनदारी घटाकर आधी की जा रही है, अत: बाद के स्‍लैबों में आने वाले करदाताओं की सभी अन्‍य श्रेणियों को भी प्रति व्‍यक्ति 12,500 रुपये का एक समान लाभ मिलेगा। इस उपाय के फलस्‍वरूप सरकार द्वारा परित्‍यक्‍त की जा रही कुल कर राशि 15,500 करोड़ रुपये बनती है। इस राहत के कारण होने वाली राजस्‍व हानि के कुछ भाग की प्रतिपूर्ति के लिए उन करदाताओं पर देय कर का 10 प्रतिशत अधिभार (सरचार्ज) के रूप में लगाने का प्रस्‍ताव किया गया है, जिनकी वार्षिक कर योग्‍य आय 50 लाख रुपये से लेकर 1 करोड़ रुपये तक है। इससे सरकार को 2,700 करोड़ रुपये का अतिरिक्‍त राजस्‍व प्राप्‍त होने की संभावना है। वित्‍त मंत्री ने कहा कि रियायतों से संबंधित प्रत्‍यक्ष कर प्रस्‍तावों, इत्‍यादि के परिणामस्‍वरूप 22,700 करोड़ रुपये का राजस्‍व नुकसान होगा। हालांकि, अतिरिक्‍त संसाधन जुटाने वाले प्रस्‍ताव से 2700 करोड़ रुपये की राजस्‍व प्राप्ति को ध्‍यान में रखने पर प्रत्‍यक्ष कर में शुद्ध राजस्‍व नुकसान घटकर 20,000 करोड़ रुपये के स्‍तर पर आ जाएगा।

खास बात यह है कि देश के इतिहास में पहली बार बजट तय समय से करीब एक महीने पहले पेश हो रहा है। इस बार रेल बजट और आम बजट एक साथ पेश हो रहे हैं, जबकि 1924 से ही रेल बजट अलग पेश होने की परंपरा रही है। इस बजट से लोगों को बहुत सी उम्मीदें हैं। आम लोगों को आयकर अधिनियम की धारा 80सीसी के तहत कर छूट की सीमा बढ़ाए जाने की उम्मीद है तो उद्योग जगत को कॉर्पोरेट कर, उत्पाद एवं सीमा शुल्क में सुधार की उम्मीद है। इसमें कुछ ऐसे प्रस्तावों को भी पेश किए जाने की उम्मीद है, जिससे नोटबंदी के कारण प्रभावित हुई देश की अर्थव्यवस्था में नई जान फूंकने में मदद मिलेगी।

2017-18 के बजट की खास बातें:

एक करोड़ रुपये से अधिक की आय पर 15 प्रतिशत का अधिभार बना रहेगा ।

50,00,000 से एक करोड़ रुपये तक की सालाना आय पर 10 प्रतिशत की दर से अधिभार लगाया जाएगा, इससे सरकार को 2,700 करोड़ रुपये प्राप्त होंगे

-2,50,000 रुपये 5,00,000 रुपये तक की सालाना आय पर कर की दर 10 से घटाकर पांच प्रतिशत की गई।
-1 करोड़ से ज्यादा की आय पर 15 फीसदी सरचार्ज लगेगा
-3 लाख तक की आमदनी पर कोई टैक्स नहीं
-इनकम टैक्स स्लैब को 2.5 लाख से बढ़ाकर तीन लाख किया गया
-तीन से पांच लाख की आय पर पांच फीसदी टैक्स
-इनकम टैक्स ढांचे में बड़ा बदलाव किया गया
-धार्मिक डोनेशन पर टैक्स छूट घटाई गई
-राजनीतिक दल 2000 तक ही नकद चंदा ले सकेंगे
-राजनीतिक पार्टियां चेक या डिजिटल डोनेशन ले सकेंगी
-ट्रांजैक्शन लिमिट तय करने के लिए आईटी एक्ट में बदलाव होगा
-3 लाख से ज्यादा कैश ट्रांजैक्शन की इजाजत नहीं होगी
-2 करोड़ तक बिक्री वाले दुकानों की आय 8 फीसदी की जगह 6 फीसदी मानी जाएगी
-50 करोड़ तक टर्नओवर वाली कंपनियों को टैक्स में पांच फीसदी छूट
-छोटी कंपनियों को टैक्स में 25 फीसदी की छूट
-स्टार्ट अप के लिए कंपनियों को सात साल तक टैक्स में छूट
-सस्ते घर की स्कीम में बदलाव किया गया
-सस्ते घर, रीयल एस्टेट को बढ़ावा देने के लिए योजना में परिवर्तन
-नोटबंदी की वजह से लोगों को अपनी आय ज्यादा बतानी पड़ी
-नोटबंदी के दौरान 1.09 करोड़ खाते में 2.80 लाख करोड़ रुपए जमा हुए
-टैक्स चोरी का भार ईमानदार टैक्स पेयर्स पर पड़ता है
-2.7 लाख कंपनियों ने नुकसान दिखाया
-1.72 लाख लोग ही 50 लाख से ज्यादा आय दिखाते हैं
-सिर्फ 24 लाख लोग 10 लाख से ज्यादा आय दिखाते हैं
-अब डाकघरों में भी बनेंगे पासपोर्ट, हेड पोस्ट ऑफिस अब पासपोर्ट ऑफिस की तरह काम करेंगे
-हर साल 2500 करोड़ रुपए डिजिटल पेमेंट का लक्ष्य
-जिनके पास डेबिट, क्रेडिट कार्ड नहीं वो आधार बेस्ड पेमेंट करेंगे
-अब तक 125 लाख लोगों के मोबाइल में भीम ऐप्प
-डिजिटल लेनदेन को बढ़ावा देने के लिए भीम ऐप्प शुरू किया गया
-नेशनल हाईवे के लिए 64,900 करोड़ रुपए
-एलआईसी में वरिष्ठ नागरिकों को 8 फीसदी ब्याज दर तय
-मेट्रो रेल के लिए नई नीति की घोषणा होगी
-शेयर बाजार में आईआरसीटीसी बतौर कंपनी लिस्टेड होगी
-आईआरसीटीसी के जरिए ट्रेन टिकट की बुकिंग पर सर्विस चार्ज नहीं लगेगा
-इंटरनेट से रेलवे टिकट बुकिंग सस्ती
-2019 तक सभी ट्रेन में बायो टॉयलेट लगाने का लक्ष्य है
-पर्यटन, तीर्थ के लिए नई ट्रेन शुरू होगी
-स्वच्छ रेल के लिए क्लीम माई कोच योजना शुरू की जाएगी
-राष्ट्रीय रेल सुरक्षा के लिए एक लाख करोड़ रुपए का आवंटन
-रेल यात्रियों की सुरक्षा के लिए राष्ट्रीय सुरक्षा कोष बनाया जाएगा
-रेलवे के लिए 1 लाख, 31 हजार करोड़ रुपए का आवंटन किया गया गहै
-वरिष्ठ नागरिकों के लिए आधार कार्ड बेस्ट स्मार्ट योजना शुरू होगी
-2017 तक कालाजार, 2020 तक खसरा को खत्म करने की योजना
-2025 तक टीबी की बीमारी को खत्म करेंगे
-श्रम कानूनों को सरल बनाया जाएगा
-राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी बनाए जाएगी
-झारखंड और गुजरात में दो नए एम्स बनाए जाएंगे
-5 स्पेशल टूरिज्म जोन बनाए जाएंगे
-2018 तक सभी गांवों में बिजली पहुंचाई जाएगी
-गर्भवती महिलाओं को 6 हजार रुपए दिए जाएंगे
-350 ऑनलाइन कोर्स की शुरूआत की जाएगी
-2019 में बेघरों को एक करोड़ घर देने का लक्ष्य
-दीनदयाल ग्राम ज्योति योजना के लिए 4814 करोड़ खर्च करेंगे
-2022 तक स्किल इंडिया के तहत पांच लाख लोगों को ट्रेनिंग दी जाएगी
-5 साल में तालाबों को ठीक किया जाएगा
-प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना में 27 हजार करोड़ खर्च करेंगे
-मनरेगा के लिए अब 48 हजार करोड़ रुपए का प्रस्ताव
-मनरेगा के लिए हमने ज्यादा पैसे दिए और ज्यादा खर्च भी हुए
-प्रत्येक ग्रामीण परिवार को कम से कम 100 दिन के रोजगार की गारंटी
-गरीबी मुक्त ग्राम पंचायत बनाने की सरकार की कोशिश होगी
-सरकार ने भारत में कारोबार करने को और आसान बना दिया है

बजट में दस बातों पर खास जोर रहेगा। आधारभूत ढांचे, रोजगार, आवास, किसानों, ग्रामीण इलाकों, नौजवनों पर जोर, किसानों की पैदावार बढ़ाने के लिए और कदम उठाए जाएंगे। किसान कर्ज पर ब्‍याज में कटौती की गई। किसानों के लोन के लिए दस लाख करोड़ रुपये पैसेंजर सुरक्षा के लिए रेल संरक्षा कोष बनाया जाएगा, एक लाख करोड़ का प्रावधान। रेल का बजट 1,31, 000 करोड़ का होगा। 70 राज्‍य निर्माण और विकास के लिए चुने गए हैं। 500 स्‍टेशन विकलांगों की सुविधा के मुताबिक बनाए जाएंगे। नदियां, सड़कें और रेल देश की जीवन रेखा है। पर्यटन और तीर्थ के लिए विशेष ट्रेनें होंगी। आज भरतीय रेलवे को दूसर परिवहन साधनों से चुनौती है। आईआरसीटीसी से टिकट बुकिंग पर सर्विस टैक्‍स खत्‍म।

फिलहाल सरकार ने आम बजट पेश तो कर दिया लेकिन आने वाले समय में इससे कितना फायदा मध्यम वर्गीय और गरीब जनता को होगा। विपक्ष से लेकर अर्थव्यस्था के जानकार विशेषज्ञो की राय भी आनी शुरू हो गई है।

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