शिखा पाण्डेय । Navpravah.com
मोदी सरकार ब्लैक मनी को भारत वापस लाने की दिशा में किया गया अपना वादा बहुत जल्द ही पूरा कर पायेगी क्योंकि स्विस बैंको में जमा ब्लैकमनी वापस लाने की दिशा में मोदी सरकार को बड़ी कामयाबी मिली है। जी हाँ! स्विस सरकार ने उस पैक्ट का गजट नोटिफिकेशन जारी कर दिया है, जिसके तहत वहां जमा होने वाली ब्लैकमनी की जानकारी भारत सरकार को रियल टाइम बेसिस पर मिल सकेगी।
स्विस सरकार ने गजट जारी कर इस पैक्ट की पूरी जानकारी और फैक्ट शीट पब्लिश की है। फाइनेंशियल इन्फॉर्मेशन के ऑटोमेटिक शेयरिंग पैक्ट के बाद स्विस बैंकों के साथ लेन-देन करने वाले भारतीयों की जानकारी सरकार को मिलने लगेगी। इस पैक्ट की मदद से ब्लैकमनी को रोकने में भी मदद मिलेगी। स्विस सरकार ने कहा है कि इस पैक्ट में शामिल होने के लिहाज से भारत सरकार की डाटा सिक्युरिटी और कानून काफी हैं।
भारत की चर्चा करते हुए इस फैक्टशीट में कहा गया है कि भारत ने इन पैक्ट को लागू करने के लिए जरूरी कमिटमेंट दिखाया है। भारत ने अपने घरेलू और टैक्स कानून में कई बदलाव करने के साथ इसके लिए बेहतर माहौल भी तैयार किया है। फैक्टशीट के मुताबिक, एक्सपर्ट पैनल ने डाटा सिक्युरिटी और सीक्रेसी से जुड़े भारत के कानून को बेहतर पाया है।
उल्लेखनीय है कि स्विस सरकार की टॉप गवर्निंग बॉडी स्विस फेडरल काउंसिल ने इस साल जून में ही भारत और 40 दूसरे देशों के साथ हुए ऑटोमैटिक एक्सचेंज ऑफ फाइनेंशियल अकाउंट इन्फोरमेशन पैक्ट को मंजूरी दी थी।
अमेरिका समेत कई यूरोपी और एशियाई देश भी इस पैक्ट का हिस्सा हैं।
यह पैक्ट 2018 में लागू होना है और 2019 से भारत सरकार को डाटा मिलने लगेगा। गजट नोटिफिकेशन के बाद रियल टाइम डाटा मिलना अब तय हो गया है। इसके तहत भारत को स्विस बैंक खातों में होने वाले ट्रांजेक्शन की रियल टाइम इन्फॉर्मेशन मिलती रहेगी। गजट के फैक्टशीट के मुताबिक, स्विस सरकार भारत के इन्श्योरेंस और फाइनेंशियल सेक्टर में और ज्यादा पहुँच बढ़ाना चाहती है।
गौरतलब है कि भारत में ब्लैकमनी एक बड़ा मसला रहा है। स्विट्जरलैंड को उन देशों में गिना जाता रहा है जहां भारत की सबसे ज्यादा ब्लैकमनी जमा है। G20, OECD के साथ अन्य ग्लोबल संगठनों के दायरे में टैक्स के मसले पर भारत और स्विस सरकार के बीच लंबी बातचीत के बाद यह पैक्ट सामने आया है।