न्यूज़ डेस्क | नवप्रवाह न्यूज़ नेट्वर्क
नाटो राष्ट्रों ने 2024 तक अपने सकल घरेलू उत्पाद (GDP) का दो प्रतिशत रक्षा पर व्यय करने का संकल्प लिया है व जर्मनी इस टारगेट से अब भी पीछे है।
पिछले महीने राष्ट्रपति ट्रंप ने कहा था कि जर्मनी खर्च में योगदान नहीं कर रहा है। सैन्य बल में कटौती का फैसला लेने के बाद व्हाइट हाउस में ट्रंप ने कहा ‘हम सैनिकों की तादाद कम कर रहे हैं, क्योंकि जर्मनी अपने बिल नहीं चुका रहा है। यह बेहद सीधी सी बात है। उन पर बहुत बकाया है।
बता दें कि उत्तरी अटलांटिक संधि संगठन (नाटो) की स्थापना 4 अप्रैल, 1949 को 12 निर्माणकर्ता सदस्यों द्वारा अमेरिका के वाशिंगटन में की गई थी। नाटो राष्ट्रों का लगभग 70 फीसद खर्च अमेरिका उठाता है।
जबकि 6400 सानिकों को दूसरे नाटो देश जैसे कि इटली व बेल्जियम में पहुंचाया जाएगा। ट्रंप का कहना है कि अमेरिका ने ये कदम जर्मनी के नाटो सैन्य बजट के लिए तय खर्च न करने के कारण उठाया है।
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने निर्णय लिया है कि उनके लगभग 12 हज़ार सैनिकों को जर्मनी से वापस बुलाया जाएगा। इनमें से 6400 सैनिकों को अमेरिका में रखा जाएगा।