सौम्या केसरवानी | Navpravah.com
एशिया के दो बड़े देश भारत और चीन के बीच पिछले तीन दिनों में तनाव का स्तर काफी बढ़ गया है। दोनों देश एक-दूसरे को लगातार धमकियां दे रहे हैं। दोनों देशों के बीच छिड़े इस तनाव का कारण है दलाई लामा द्वारा अरुणांचल प्रदेश का दौरा। दलाई लामा का दौरा तो अभी का मामला है, लेकिन हाल के दिनों में पांच ऐसे बड़े मुद्दे हैं, जिन पर चीन और भारत जैसी बड़ी शक्तियां आमने-सामने हैं और तनाव किसी भी हद तक बढ़ सकता है।
दरअसल दोनों देशों के बीच विवाद दलाई लामा के अरुणाचल प्रदेश दौरे को लेकर शुरू हुआ था। इस दौरे को लेकर चीन ने आपत्ति जताई थी, लेकिन भारत ने साफ कहा था कि चीन हमारे अंदरूनी मामलों में दखल न दे। वहीं चीन ने कहा कि भारत के इस कदम से द्विपक्षीय संबंधों को भारी नुकसान पहुंचा है और सीमा पर भी तनाव और बढ़ सकता है। चीन ने दलाई लामा के मामले पर कश्मीर में दखल देने की धमकी भी दी है।
क्या हैं तनाव की अहम् वजहें-
-अरुणाचल और लेह में सीमा विवाद के चलते करीब 6 दशकों से भारत और चीन के बीच तनाव है, लेकिन दुनिया का शायद ये अकेला तनाव वाला बॉर्डर है जहां 1962 के युद्ध के बाद एक भी गोली नहीं चली है। दोनों देशों ने सीमा विवाद को सुलझाने के लिए कई मैकेनिज्म पर विचार किया लेकिन अब तक कुछ ठोस हल सामने नहीं आया है। पिछले साल लेह-लद्दाख में बॉर्डर में इलाकों को लेकर दोनों देशों के सैनिक कई दिनों तक आमने-सामने जमे रहे। हाल ही में ये बात भी सामने आई थी कि चीन अरुणाचल के तमांग के बदले अक्साईचिन पर अपना दावा छोड़ सकता है।
-आबादी में दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा और दुनिया की सबसे तेज ऊभरती अर्थव्यवस्थाओं में से एक भारत, UNSC की स्थायी सदस्यता के लिए पूरा जोर लगाए हुए है। इस राह में चीन सबसे बड़ा रोड़ा है। ठीक ऐसे ही एनएसजी की सदस्यता की भारत की कोशिशों में चीन लगातार बाधा बनता जा रहा है। ऐसे में विदेश नीति के मोर्चे पर भी दोनों देशों के बीच तनाव साफ है।
-54 बिलियन डॉलर की लागत से तैयार किए जा रहे चीन-पाकिस्तान के आर्थिक गलियारे को भारत साफ तौर पर अवैध मानता है, जबकि चीन इसे किसी भी कीमत पर पूरा करने पर अड़ा हुआ है। ये गलियारा गिलगित-बालटिस्तान से होकर गुजरता है, जिसे भारत अपना हिस्सा मानता है और पाकिस्तान के अवैध कब्जे से छुड़ाने का ऐलान कर चुका है। वहीं चीन की शह पर पाकिस्तान गिलगित-बालटिस्तान को अपना पांचवां राज्य बनाने की कोशिश में है।
-मुंबई हमलों के मास्टरमाइंड पाकिस्तानी आतंकी अजहर मसूद और हाफिज सईद पर प्रतिबंध लगाने की यूएन में भारत की कोशिशों को दो बार चीन रोक चुका है। चीन सुरक्षा परिषद का स्थायी सदस्य है और उसके पास वीटो पावर है। भारत इस तरह की स्थितियों के मद्देनजर ही सुरक्षा परिषद जैसी संस्थाओं में सुधार की मांग कर रहा है।