डोनाल्ड ट्रंप के राष्ट्रपति बनने के बाद से ही सरकार बंदी की कगार पर खड़ी है। इस वजह से सरकारी कामकाज ठप पड़ गया है। ट्रंप प्रशासन सरकारी नौकरशाहों को अनपेड लीव पर भेज रही है। प्रशासन इस स्थिति से निबटने में जुटी हुई है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के लिए यह एक बड़ा झटका है, क्योंकि अभी उन्हें राष्ट्रपति पद संभाले एक साल ही हुए हैं।
बता दें कि पिछले पांच वर्षों में ऐसा पहली बार हो रहा है, जब सीनेटर्स ने सदन द्वारा पारित फंडिंग बिल को ख़ारिज कर दिया है। इस बिल के जरिए, सरकार के लिए 16 फरवरी तक की फंडिंग तय की गई थी। अमेरिकी सरकार आधिकारिक तौर पर इस समय शटडाउन की स्थिति से गुजर रही है। खबरों के मुताबिक, इस बिल को पारित करने के लिए 60 वोटरों की जरूरत थी और उस संख्या के मुकाबले 48 सीनेटरों ने बिल के खिलाफ वोटिंग की। केवल 5 डेमोक्रेटिक सीनेटरों ने बिल के पक्ष में मतदान किया है। राजनितिक खतरे का उल्लेख करते हुए, डेमोक्रेटिक सीनेटर ने स्टॉपगैप स्पेंडिंग पर रोक लगा दिया है। इसके बाद शनिवार सुबह कई सरकारी दफ्तर आधिकारिक तौरपर बंद रहे।
दरअसल, गतिरोध का मुद्दा है इमिग्रेशन। यह मुद्दा अमेरिका में काफी समय से छाया हुआ है। विपक्षी डेमोक्रेटिक पार्टी चाहती है कि उन सात लाख लोगों को निर्वासन से बचाया जाए, जो मैक्सिको और मध्य एशिया से अमेरिका में आए थे। इन सभी को ओबामा के कार्यकाल में अस्थाई कानूनी दर्जा मिला था। मगर रिपब्लिकन पार्टी और ट्रंप इससे असहमत हैं। बिल पारित होने के दौरान आई बाधाओं को लेकर ट्रंप ने ट्वीट कर कहा कि सीनेट से पारित कराने के लिए डेमोक्रेट की जरूरत है, लेकिन वे गैरकानूनी इमीग्रेशन और कमजोर सीमाएं चाहते हैं।