न्यूज़ डेस्क | navpravah.com
बाँदा | मंगलवार दोपहर को राजकीय पॉलिटेक्निक बाँदा में मिशन शक्ति 5.0 अभियान के अंतर्गत पुलिस विभाग के प्रतिनिधिगणों द्वारा विभिन्न जागरूकता कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। कार्यक्रमों में साइबर अपराध से बचाव तथा यातायात जागरूकता जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर छात्र-छात्राओं को उपयोगी जानकारी प्रदान की गई।
पुलिस विभाग के अधिकारियों ने छात्राओं को ऑनलाइन सुरक्षा, आत्मरक्षा, एवं यातायात नियमों के पालन से संबंधित व्यावहारिक सुझाव दिए तथा उन्हें सतर्क और जिम्मेदार नागरिक बनने के लिए प्रेरित किया।
इस अवसर पर छात्रा रुचि यादव को प्रधानाचार्य के कार्यों के प्रतीकात्मक निर्वहन की जिम्मेदारी सौंपी गई, जिससे छात्राओं में नेतृत्व, उत्तरदायित्व एवं आत्मविश्वास की भावना को प्रोत्साहन मिला। कार्यक्रम में संस्थान के समस्त शिक्षकगण एवं छात्र-छात्राएँ उत्साहपूर्वक उपस्थित रहे।
प्रधानाचार्य ने कहा कि मिशन शक्ति अभियान महिलाओं में सुरक्षा, सम्मान और स्वावलंबन की भावना को सशक्त बनाने की दिशा में एक प्रभावी पहल है, जो छात्राओं में आत्मविश्वास और जागरूकता का विकास करती है।
गौरतलब हो कि उत्तर प्रदेश में मिशन शक्ति 5.0 कार्यक्रम महिलाओं की सुरक्षा, सम्मान, स्वावलंबन, स्वास्थ्य और सशक्तिकरण के लिए शुरू किया गया एक व्यापक अभियान है। इसका पाँचवाँ चरण शारदीय नवरात्रि के पहले दिन, 22 सितंबर 2025 को शुरू हुआ। इस अभियान में पुलिस कार्रवाई, जागरूकता, शिक्षा और कल्याण संबंधी कई कार्यक्रम शामिल हैं।
मिशन शक्ति 5.0 में महिलाओं के स्वास्थ्य पर विशेष ध्यान दिया गया है। अंतर्राष्ट्रीय बालिका सप्ताह (3 से 11 अक्टूबर) के दौरान “व्यक्तिगत स्वच्छता संवाद” जैसे कार्यक्रम चलाए गए, जिसमें बालिकाओं को मासिक धर्म और व्यक्तिगत स्वच्छता के प्रति जागरूक किया गया।अभियान का उद्देश्य महिलाओं को सुरक्षित वातावरण प्रदान करना है। इसके तहत सभी 1,663 थानों में ‘मिशन शक्ति केंद्र’ स्थापित किए गए हैं।
महिला बीट अधिकारी: सभी ग्राम पंचायतों और शहरी वार्डों में महिला बीट अधिकारियों की तैनाती की गई है। ये अधिकारी सीधे महिलाओं से संपर्क करके उनकी शिकायतों का समाधान करती हैं, जिससे उन्हें पुलिस से जुड़ने में मदद मिलती है। यह अभियान महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने पर भी केंद्रित है। इसके तहत उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाए जाते हैं, जैसे ड्राइविंग और ई-रिक्शा चलाने का प्रशिक्षण।महिलाओं को कानूनी प्रावधानों और सरकारी योजनाओं के बारे में जागरूक किया जाता है। इसके अलावा, जेलों में बंद महिलाओं को कानूनी सहायता भी प्रदान की जाती है। महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए एंटी-रोमियो स्क्वॉड द्वारा उपद्रवियों पर कड़ी कार्रवाई की जाती है।