UP: राम काज’ में जुटे हैं इस जेल के बंदी, ‘राम मंदिर’ में दिखेगी उनकी कारीगरी की झलक

श्री राम मंदिर’ की भव्यता में रंगत बिखेरेगी भदोही की वॉल हैंगिंग कार्पेट

जिला जेल के क़ैदी कर रहे बुनाई, उकेरेंगें भगवान की आकृति

स्पेशल रिपोर्ट: रामकृष्ण पाण्डेय

भदोही (उ.प्र.) | कालीन नगरी भदोही का कार्पेट मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम की जन्मस्थली अयोध्या के भव्य राम मंदिर की खूबसूरती में चार-चांद लगाएगा। भदोही के जिला कारागार (District Jail) के करीब दर्जनभर बंदी भगवान राम, हनुमान व मां जानकी के छवि (आकृति) वाली वॉल हैंगिंग कार्पेट तैयार करेंगें, जिसे नवनिर्मित राममंदिर में प्राण प्रतिष्ठा के पूर्व लगा दिया जाएगा।

इन कार्पेट्स को हॉल व गैलरी में लगाया जाएगा। पीएम के दौरे के बाद कालीन लगाने हेतु मंदिर में स्थान चिन्हित किये जायेंगे। जिलाधिकारी भदोही गौरांग राठी की पहल व शासन की अनुमति के बाद जेल बंदी बुनकरों को चुना गया है। जो आगामी 15 दिन में आकर्षक, मखमली वॉल हैंगिंग कालीन तैयार करेंगें। उसके बाद भदोही की टीम अयोध्या जाकर उसे अधिष्ठापित करेगी। जिलाधिकारी गौरांग राठी ने कहा कि वॉल हैंगिग बनाने हेतु 12 जेल बंदी बुनकरों को चुना गया है।

बुनकरों में मंदिर में लगाने हेतु वॉल हैंगिग बनाने के काम को लेकर काफी उत्साह और खुशी है। बंदी बुनकरों का कहना है कि यह काम उनके लिए अत्यंत सौभाग्यपूर्ण है। ‘राम काज कीन्हे बिनु, मोहि कहा विश्राम’ रामचरितमानस की इन पंक्तियों को चरितार्थ करते हुए वह बेहद तन्मयता से ताने-बाने के काम में जुटे हुए हैं। बताते हैं कि क्वालिटी युक्त वॉल हैंगिग न सिर्फ श्रद्धालुओं का मन मोह लेगी, बल्कि करीब सौ सालों तक मंदिर के आकर्षण में चार-चांद लगाएगी।

ज़िला कारागार के क़ैदी हैंगिंग कार्पेट की बुनाई करते हुए

● वॉल हैंगिंग पर बुनकर उकेरेंगें देवी-देवताओं की कलाकृति, दसों दशक बघारेंगी शान-

श्रीराम जन्मभूमि अयोध्या में बन रहे भगवान श्री रामचन्द्र के भव्य और अलौकिक मंदिर में यूपी के भदोही जिले के जेल बंदी बुनकरों द्वारा हस्तनिर्मित वॉल हैंगिंग (दीवारों पर लटकने वाला चित्रगत कालीन) चमक बिखेरेगी। मंदिर के हॉल और गैलरी में कालीनें बिछाई जायेंगीं। श्रीराम जन्मभूमि मंदिर अयोध्या दर्शन हेतु पहुंचने वाले करोड़ों भारतीय श्रद्धालुओं को जहां भदोही के बुनकरों के उंगलियों की जादूगरी लुभाएगी। वहीं विदेशी पर्यटक भी कुशल कारीगरों द्वारा मखमली कालीन पर उकेरी गई कलाकृतियों को निहारेंगें।

इसके लिए जिला कारागार ज्ञानपुर प्रशासन को सिंहासन पर आशीर्वाद देने की मुद्रा में बैठे राजाराम, मां सीता एवं हनुमान जी का फ़ोटो दिया जाएगा। जिसे देखकर बुनकर वॉल हैंगिंग पर चित्र उकेरेंगें। जिलाधिकारी ने बताया कि 40 बुनकर बंदियों में से 12 कुशल बुनकरों को चुना किया गया है।

जेलर राजेश वर्मा का कहना है कि तस्वीर की व्यवस्था की जा रही है। एक-दो में दिन बुनाई शुरू हो जाएगी। वॉल हैंगिग को मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा के वृहद कार्यक्रम के एक सप्ताह पूर्व 15 जनवरी तक अयोध्या भेजकर यहां के कारीगरों को लगाकर स्थापित करा दिया जाएगा। हैंगिग का आकार (Size) छह गुणा आठ फिट निश्चित किया गया है। इसका वजन (Weight) भी करीब छह से आठ किलोग्राम रहेगा। इसे भगवा (गेरुआ) रंग या गाढ़े नीले रंग में बनाया जाएगा। जिससे अनेक रंगों में बुनी गई आकृतियां स्पष्ट उभर सकें। अधिकारी व कालीन क्षेत्र के जानकार बताते हैं कि कालीने बेहतर और दमदार क्वालिटी के धागों से बनाई जायेंगीं। लंबे अरसे तक उनकी चमक फीकी नही पड़ेगी। और वे करीब सौ बरस यानी 10 दशक तक श्रीराम जन्मभूमि मंदिर की भव्यता में रंगत और रौनक बिखेरेंगीं। मंदिर के हॉल व गैलरी की शोभा और आकर्षण बढ़ाते हुए शान बघारेंगी।

● भदोही के डीएम के प्रस्ताव पर शासन की मंजूरी, पीएम के दौरे के बाद चिन्हित होगा स्थान-

बता दें कि भदोही के युवा, तेज तर्रार जिलाधिकारी गौरांग राठी ने श्रीराम मंदिर के हॉल, गैलरी व भगवान के गर्भ गृह के आसपास कालीन बिछाने हेतु करीब एक सप्ताह पूर्व ही प्रस्ताव भेजा था, जिसे शासन ने मंजूरी दे दी। नगर आयुक्त अयोध्या व विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष विशाल सिंह ने वॉल हैंगिग तैयार कराने के साथ मंदिर में गलीचे बिछवाने को भी कहा है। प्रधानमंत्री के दौरे के बाद कालीन बिछाने हेतु स्थानों को चयनित करते हुए नगर आयुक्त द्वारा जानकारी दी जाएगी।

● भदोही की सांस्कृतिक विरासत है कालीन, विदेशों तक धमक, ‘संसद भवन’ में भी बिखेर रही रौनक-

हैंड नॉटेड कार्पेट (हस्तनिर्मित कालीन) कभी बनारस से अलग हुए भदोही की परंपरागत कालीन उद्योग ही नहीं, बल्कि यह यहां की सांस्कृतिक विरासत भी है। गलीचे के शहर भदोही में सदियों से कॉरपेट का कारोबार होता चला आ रहा है। जिसका निर्यात अमेरिका, यूरोप, जर्मनी, फ्रांस सहित दुनिया भर के करीब 50 से 60 देशों में होता है। भदोही का यह परंपरागत उत्पाद बीते 28 मई 2023 को दिल्ली में नवउद्घाटित संसद भवन की सेंट्रल विस्टा में भी अपनी चमक, धमक बिखेर रहा है। वहीं यशोभूमि भारत मण्डपम में भी भदोही का सतरंगी गलीचा छाया रहा। भदोही अकेले देश का 35 से 40 प्रतिशत उत्पादन अकेले करता है। हाल ही बीते अक्टूबर माह में भदोही के कार्पेट एक्सपो मार्ट में चार दिवसीय एक्सपो का आयोजन हुआ था, जिसमें 60 देशों के करीब 700 खरीददार शामिल हुए थे। सूबे के मुखिया योगी आदित्यनाथ भी मेले में शामिल हुए तय। ‘एक जिला एक एक उत्पाद योजना’ में भी भदोही में कार्पेट शामिल है।

●जेल बंदी भी करते हैं कालीन बुनाई, विदेशों तक छोड़ रहे कुशल कारीगरी व बारीकियों की छाप-

गलीचे के शहर भदोही में कैदी भी कालीन बुनाई का काम कर रहे हैं। उनके उंगलियों की कुशल कारीगरी तीन-चार कालीन निर्यातकों के जरिये जापान, इंग्लैंड व यूएस सहित करीब आधा दर्जन देशों तक पहुंच चुकी है। डीएम भदोही ने पिछले दिनों बताया था कि करीब 50 से 60 कैदी ज्ञानपुर जेल में भी कालीन बुनाई का काम कर रहे हैं। उनकी कारीगरी को और पहचान मिल सके, इसलिए प्रयास करके निर्यातकों द्वारा उसे विदेशों तक भेजा जा रहा है। हाल ही में आयोजित कालीन मेले में भी जिला कारागार कार्पेट का एक स्टॉल लगाया गया था। वहीं अब अयोध्या में नवनिर्मित हो रहे भगवान श्री रामचन्द्र जी के मंदिर में भी उनके द्वारा बुनी गई वॉल हैंगिंग लगाई जाएगी।

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