एनपी न्यूज़ डेस्क | Navpravah.com
डोपिंग टेस्ट में विफल घोषित की गईं राष्ट्रमंडल खेलों की दो बार की स्वर्ण पदक विजेता रही भारतीय भारोत्तोलक संजीता चानू पर एक बार फिर से गाज गिर गई है, उन्हें अस्थाई रूप से निलंबित कर दिया गया है।
कल ही भारतीय भारोत्तोलकों को डोपिंग के कारण शर्मशार होना पड़ा जब राष्ट्रमंडल खेलों की दो बार की स्वर्ण पदक विजेता भारोत्तोलक संजीता चानू डोप परीक्षण में विफल हो गईं थी।
अंतरराष्ट्रीय भारोत्तोलन महासंघ ने अपनी वेबसाइट पर बताया कि संजीता के नमूने को प्रतिबंधित एनाबोलिक स्टेरॉयड के लिए पाजीटिव पाया गया है, संजीता ने राष्ट्रमंडल खेलों के महिलाओं के 53 किलोग्राम भार वर्ग में स्वर्ण पदक जीता था।
आईडब्ल्यूएफ ने कहा कि उसने भारत की संजीता चानू खुमुकचाम के नमूने में प्रतिबंधित टेस्टोस्टेरोन पाया है जो डोपिंग रोधी नियम का संभावित उल्लंघन है और इसके कारण यह खिलाड़ी अस्थायी रूप से निलंबित रहेगी।
उन्होंने आगे कहा कि अगर यह साबित होता है कि खिलाड़ी ने डोपिंग रोधी नियम का उल्लंघन नहीं किया है तो प्रासंगिक फैसले को भी प्रकाशित किया जाएगा।
यह पता चला है कि संजीता को भारतीय भारोत्तोलन महासंघ ने शिविर छोड़ने को कहा है जिसके बाद वह अपने घर मणिपुर के लिए रवाना हो गयी हैं।
भारतीय संघ के सूत्रों के मुताबिक राष्ट्रमंडल खेलों के बाद भी अंतरराष्ट्रीय महासंघ ने भारोत्तोलको के नमूने लिये थे, संजीता का नमूना अगर हाल ही में लिया गया है और उसका ‘ए’ नमूना पाजीटिव पाया गया है तो वह ‘बी’ नमूने के परीक्षण की मांग कर सकती है, अगर बी नमूना भी पाजीटिव रहा तो उसे अधिकतम चार साल का प्रतिबंध झेलना पड़ सकता है।