एनपी न्यूज़ डेस्क | Navpravah.com
क्रिकेट के छोटे होते जा रहे फॉर्मेट पर भारत के पूर्व कप्तान सौरव गांगुली ने चिंता जताई है। उन्हें डर है कि कहीं क्रिकेट इतना छोटा न हो जाए की अपना अस्तित्व ही खो दे।
सौरव ने अपना डर हाल ही में इंग्लैंड एंड वेल्स क्रिकेट बोर्ड की ओर से प्रस्तावित 100-बाल क्रिकेट टूर्नामेंट को लेकर की है, गांगुली ने कहा कि ईसीबी के इस 100-बाल क्रिकेट टूर्नामेंट को लेकर सावधान रहने की जरूरूत है।
गांगुली ने कहा, यह वास्तव में 16.3 ओवर का खेल है। 50 ओवर से क्रिकेट 20 ओवर तक आया और अब लगभग साढ़े 16 ओवर तक देखते हैं कि क्या होता है, मुझे लगता है कि उनके दिमाग में ओवरों की वजह 100 की संख्या है। हमें देखना होगा कि क्रिकेट और कितना छोटा होता है।
गांगुली ने कहा, आपको इसे लेकर सावधान रहना होगा। ऐसा नहीं होना चाहिए की दर्शक आएं, पलक झपके और मैच खत्म, दर्शक खेल का लुत्फ लेना चाहते हैं जिसे एक निश्चित समय तक ले जाने का दबाव रहे और जिसमें उन्हें सही प्रतिभा और सही विजेता दिखे।
गांगुली का मानना है कि खेल का प्रारुप जितना छोटा होता जाएगा, सर्वश्रेष्ठ और आम प्रतिभा के बीच अंतर कम होता जाएगा, उन्होंने कहा, प्रारुप जितना छोटा होता जाएगा, अच्छे और आम खिलाड़ी के बीच का अंतर उतना कम होता जाएगा।
उन्होंने कहा, इसलिए टेस्ट क्रिकेट अभी तक सबसे बड़ी चुनौती है। यहां आपको सुबह आकर गेंदबाजी करनी है फिर दिन में भी और फिर चायकाल के बाद भी और अंत तक आपको 140 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से गेंदबाजी करनी होती है।