एनपी न्यूज़ डेस्क | Navpravah.com
इंडोनेशिया में चल रहे एशियाई खेलों में भारतीय कबड्डी टीम को इस बार निराशा मिली है, पहले पुरुष टीम फाइनल में नहीं पहुंच सकी और उसके बाद महिला टीम को फाइनल में ईरान के हाथों हार मिल गई।
एशियाई खेलों में यह पहली बार है, जब भारत के अलावा कोई अन्य टीम ने स्वर्ण पदक जीता है, 2010 में महिला कबड्डी को एशियाई खेलों में शामिल करने के बाद से भारत लगातार दो बार से स्वर्ण पदक जीतता आ रहा था।
ईरान की जीत में या भारतीय टीम की इस हार में प्रमुख भूमिका ईरानी कबड्डी टीम की कोच की रही जो भारतीय हैं, शैलजा जैन ईरानी कबड्डी टीम की कोच हैं, शैलजा महाराष्ट्र की रहने वाली हैं और वे साल 2016 में ईरानी टीम से जुड़ी थी।
61 साल की शैलजा के लिए ईरान से जुड़ने का फैसला आसान नहीं था, शुरू में वे ईरान जाने के लिए उत्साहित नहीं बल्कि चिंचित थी, शाकाहारी भोजन, ईरान में ड्रेस कोड, वहां लड़कियों के साथ होने वाले व्यवहार, जैसी कई चिंताएं शैलजा को थीं।
लेकिन शैलजा ईरान गईं और वहां की महिला टीम की कोच भी बनी और अब वे सफलतम कोच हैं क्योंकि उनकी टीम ने एशियाई खेलों में कबड्डी की बेहतरीन टीम, भारतीय टीम को हराया है।
ईरानी लड़कियों के बारे में शैलजा का कहना है कि उनकी फिटनेस शानदार है।वे सारे खेल खेलती हैं जिनमें रग्बी, फुटबॉल, कराते, ताईक्वांडो और मार्शल आर्ट्स शामिल हैं, उन्हें शैलजा को केवल कबड्डी की तकनीकें ही सिखानी पड़ी।