एनपी न्यूज़ डेस्क | Navpravah.com
पाकिस्तान में कल 25 जुलाई को मतदान होना है, सोमावार रात 12 बजे से ही पाक में चुनाव प्रचार पूरी तरह से रूक गया है, लेकिन पाकिस्तान में इस बार का चुनाव प्रचार अलग तरीके का हुआ, चुनाव प्रचार में फिल्मी हस्तियों के पोस्टर दिखे वहीं उनके गानों का भी खूब जलवा रहा।
नेताओं ने डीजे और इन गानों से काफी भीड़ जुटाई, पार्टियों ने थीम सांग्स भी बनवाए, चुनाव प्रचार के दौरान बॉलीवुड गाना ‘मेरे रश्क-ए-कमर’ सबसे ज्यादा डिमांड में रहा।
नवाज शरीफ की पार्टी पीएमएल का थीम सांग वोट को इज्जत दो रहा, इमरान खान की पार्टी पीटीआई बनेगा नया पाकिस्तान भी काफी चर्चा में रहा, इमरान खान ने युवाओं को लुभाने में कोई कसर नहीं छोड़ी।
पाकिस्तान के चारो प्रांतों- पंजाब, बलूचिस्तान, खैबर पख्तूनख्वा और सिंध में चुनाव होने जा रहे हैं, नेशनल एसेंबली में 272 प्रत्यक्ष सीटें और 70 आरक्षित सीटें हैं। चुनाव सिर्फ प्रत्यक्ष सीटों पर होंगे, इस तरह किसी भी पार्टी को सरकार बनाने के लिए कम से कम 137 सीटों पर जीत हासिल करनी होगी, इस चुनाव में त्रिकोणीय लड़ाई पीएमएल-एन, पीटीआई और पीपीपी के बीच है।
जानकारी के अनुसार, 371,000 जवान पूरे देश में बूथों के अंदर और बाहर तैनात किए जा रहे हैं, इसकी सारी जिम्मेदारी सेना को मिली हुई है। चुनाव आयोग एक वोट पर 198 रुपये खर्च कर रहा है, इस चुनाव पर 44000 हजार करोड़ पाकिस्तानी रुपये खर्च हो रहे हैं।
अभी तक आए ज्यादातर सर्वे में इमरान खान की पीटीआई और नवाज की पीएमएल (एन) के बीच कड़ा मुकाबला है, हालांकि पीटीआई को पीएमएल (एन) से 4% वोटों की बढ़त मिल रही है, बिलाबल भुट्टो के नेतृत्व वाली पीपीपी तीसरे नंबर पर है।
इससे पहले पाकिस्तान के चुनाव आयोग ने कहा था कि नियमों के मुताबिक, प्रचार अभियान सोमवार मध्यरात्रि तक खत्म हो जाना चाहिए, ताकि मतदाताओं को सोच-विचार का समय मिले और वे 25 जुलाई को होने वाले मतदान में हिस्सा लेने की तैयारी कर सकें।
पाक में चुनावी तैयारियों के बीच यहां के अल्पसंख्यक इस बात को लेकर चिंतित हैं कि उनकी बात को संसद तक कैसे पहुंचाई जाए, इसका सबसे बड़ा कारण है अल्पसंख्यकों को बहुत कम टिकट मिलना।
पाकिस्तान के अल्पसंख्यकों में हिंदू, सिख, ईसाई और अहमदी मुसलमान शामिल हैं, पाक की कुल 20 करोड़ की आबादी में ये अल्पसंख्यक महज चार फीसदी हैं जबकि 15-20 फीसदी लोग शिया समुदाय के हैं, इनमें से महिलाओं और अल्पसंख्यक समुदाय को सिर्फ आरक्षित सीटों पर टिकट दिया गया है।
पाकिस्तान में हिंदुओं की कुल आबादी करीब 20 लाख है जिनमें अधिकांश गरीब तबके से हैं, यहां पर हिंदुओं की देश में दूसरी सबसे बड़ी अल्पसंख्यक आबादी है, इनका रहबर सिंध प्रांत में सबसे ज्यादा प्रभाव है। इन्हें भारत-पाक के बीच तनातनी का खामियाजा सबसे ज्यादा भुगतना पड़ता है और बहुसंख्यक समाज इन्हें कातर निगाहों से देखता है।
पाकिस्तान में कल होने जा रहे चुनाव में पहली बार 125 ट्रांसजेंडर चुनाव पर्यवेक्षक की भूमिका में होंगे, इस दौरान वे पारदर्शिता और निष्पक्षता पर कड़ी नजर रखेंगे, उन्हें इस काम के लिए एक एनजीओ (ट्रस्ट फॉर डेमोक्रेटिक एजूकेशन और एकाउटैबिलिटी) प्रशिक्षित किया है, इसका मकसद लोगों को लोकतांत्रिक अधिकार और जिम्मेदारी के प्रति जागरूक करना है।
वैसे आपको बता दें कि, इस चुनाव में पूर्व क्रिकेटर इमरान खान की पार्टी मजबूत स्थिति में नजर आ रही है, चुनावी सर्वे में उनकी पार्टी तहरीक-ए-इंसाफ की लोकप्रियता में खासा इजाफा देखने को मिला है, इस चुनाव में तहरीक-ए-इंसाफ की जीत और बतौर प्रधानमंत्री इमरान खान की ताजपोशी की प्रबल संभावना है।
इमरान खान पाकिस्तानी सेना और ज्यादातर नौकरशाहों के भी पसंदीदा उम्मीदवार हैं, लिहाजा इमरान की जीत और ज्यादा पुख्ता नजर आ रही है, क्योंकि यह बात हर कोई जानता है कि पाकिस्तान में सेना का दखल हर सरकारी महकमे और समाज के हर तबके में है।
इमरान खान के प्रधानमंत्री बनने की राह का सबसे बड़ा रोड़ा बनने वाले नवाज शरीफ की गिरफ्तारी हो गयी है, जिससे कि इमरान की राह साफ हो गयी है। दरअसल भ्रष्टाचार की कमाई से लंदन में आलीशान फ्लैट खरीदने के मामले में पाकिस्तान की अकाउंटेबिलिटी कोर्ट ने 6 जुलाई को नवाज शरीफ को 10 साल जेल की सजा सुनाई थी।
कुछ दिन पहले तक इमरान खान के लिए लोकतांत्रिक रूप से नवाज शरीफ को हरा पाना संभव नजर नहीं आ रहा था, लेकिन जैसे ही नवाज शरीफ के खिलाफ भ्रष्टाचार, आय से अधिक संपत्ति और पनामा पेपर लीक के मामले सामने आए, इमरान खान ने बढ़त बना ली, इस तरह से इमरान पाकिस्तान में प्रधानमंत्री पद के दौड़ में सबसे आगे निकल गए।