एनपी न्यूज़ डेस्क |Navpravah.com
केंद्रीय खाद्यमंत्री रामविलास पासवान का कहना है कि अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति के अधिकारों की रक्षा के लिए सरकार अध्यादेश लाएगी और अगर जरूरत पड़ी तो संविधान में भी संशोधन किया जाएगा।
पासवान ने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय अगर एससी-एसटी कानून के तहत दलितों पर अत्याचार के आरोपों की शिकायत करने पर आरोपी को तत्काल गिरफ्तार किए जाने के प्रावाधानों को हटाने संबंधी अपने फैसले को वापस नहीं लेगा तो सरकार उक्त प्रावधानों को कायम रखने के लिए अध्यादेश लाएगी।
पासवान ने एक साक्षात्कार में कहा, सरकार की दलित विरोधी धारण दो दिन में बदल सकती है। अदालत में इस मसले पर तीन मई को सुनवाई होगी। मैंने कहा है कि अगर अदालत का आदेश पक्ष में नहीं आया तो हम (सरकार) अध्यादेश लाएंगे।
पासवान से जब यह पूछा गया कि क्या सरकार अदालत के आदेश को निष्प्रभावी कर देगी तो इस पर उन्होंने कहा, हां, हम किसी भी कीमत पर कानून को कमजोर नहीं होने देंगे अधिनियम से अल्प विराम व पूर्ण विराम के संकेत भी नहीं हटाये जाएंगे। अधिनियम अपने मूल रूप में ही रहेगा।
शीर्ष अदालत ने कहा कि अधिनियम के तहत गिरफ्तारी अनिवार्य नहीं है और प्रतिरोधी कार्रवाई प्रारंभिक जांच व सक्षम अधिकारी की अनुमति के बाद ही की जानी चाहिए। अदालत ने कहा कि शिकायत दर्ज किए जाने के बाद पुलिस अधीक्षक स्तर के अधिकारी की मंजूरी के बाद ही मामले में गिरफ्तारी की जानी चाहिए।
पासवान इस मामले को लेकर गृहमंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में गठित मंत्रिसमूह के प्रमुख सदस्य हैं। उन्होंने कहा कि सरकारी व सार्वजनिक क्षेत्र के संस्थानों की सेवा में प्रोन्नति में आरक्षण के मसले पर भी सरकार का ऐसा ही रुख है।