सौम्या केसरवानी | Navpravah.com
हर बार राजनीतिक पार्टियों द्वारा ईवीएम के बजाय बैलट पेपर से चुनाव कराने की मांग न आने से चुनाव आयोग अब राहत की सांस ली है। कांग्रेस सहित सभी राजनीतिक पार्टियों ने यह मान लिया है कि एम 3 श्रेणी की ईवीएम फुल प्रूफ है और इसमें छेड़खानी नहीं की जा सकती है।
भारतीय मुख्य निर्वाचन आयुक्त ओ.पी.रावत ने कहा कि अब किसी भी राजनीतिक पार्टी ने ईवीएम के बजाय बैलट पेपर से चुनाव कराने की मांग नहीं की है। रावत ने कहा कि जब तक शिकायत नहीं होती आयोग कार्रवाई नहीं करता है।
पत्रकारों के सवाल के जवाब में उन्होंने यह भी कहा कि राज्य में इस बार पहली बार वोट करने वाले 18 से 19 वर्ष के मतदाता 2.85 प्रतिशत हैं, साथ ही उन्होंने आचार संहिता में राज्य के जरूरी काम नहीं रूकें, इसके लिए सीएस की अध्यक्षता में बनाई स्क्रीनिंग कमेटी के काम को सराहते हुए कहा कि उनकी ओर से 452 में से 188 मामले आयोग को भेजे जिनमें अब तक 150 का निराकरण किया गया है।
उन्होंने कहा कि, ईवीएम नॉन टेम्परेबल है और प्रदेश में साढ़े सात लाख लोगों ने मॉक पोल करके यह साबित किया है, वहीं उन्होंने बताया कि राज्य में विधानसभा चुनाव में 4 करोड़ 74 लाख 79 हजार 402 वोटर्स हैं, जिसमें दो करोड 47 लाख से ज्यादा पुरुष वोटर्स हैं और 246 ट्रांसजेंडर्स हैं।
बता दें कि, इस बार प्रदेश में चुनावों को लेकर आयोग ने कई नए प्रयोग भी किए है, जहां एक ओर नई ईवीएम मशीनों के जरिए मतदान करवाने के लिए आयोग ने तैयारियां पूरी कर ली है वहीं जनता को मतदान के लिए प्रेरित करने के लिए भी कई तरह के आयोजन कर रही है।
वहीं चुनाव आयोग इस बार चुनावो में दिव्यांग मतदाताओं को बड़ी सहूलियत देने जा रहा है, निर्वाचन विभाग जहां मतदान केंद्रों पर दिव्यांग जनों के लिए व्हील चेयर की व्यवस्था कर रहा है, वहीं नवाचार के रूप में दिव्यांग जनों के घर से उन्हें मतदान केंद्र तक लाने के लिए वाहनों की व्यवस्था कर रहा है।