सौम्या केसरवानी। Navpravah.com
गुजरात विधानसभा चुनाव में मतदाताओं ने नोटा वाले ऑप्शन का जमकर इस्तेमाल किया है। ईवीएम पर यह बटन दबाने वाली उंगलियों की संख्या आम आदमी पार्टी, एनसीपी और बीएसपी जैसी पार्टियों को मिले वोट से ज्यादा रही है।
ईवीएम में नोटा बटन के जरिए मतदाता यह बता सकते हैं कि चुनाव मैदान में उतरा कोई उम्मीदवार उनका प्रतिनिधि बनने लायक नहीं है। गुजरात विधानसभा चुनाव में 5,51,294 मतदाताओं ने यह बटन दबाकर अपने इलाके के उम्मीदवारों को खारिज कर दिया।
गुजरात में आम आदमी पार्टी ने कुल 29 सीटों पर ही प्रत्याशियों को उतारा था, जहां पार्टी को केवल 29 हजार 517 वोट हासिल हुए। वहीं इन 29 सीटों पर 75 हजार 880 लोगों ने नोटा का लिकल्प चुना है। आप के किस उम्मीदवार को कितना वोट मिला और उसी सीट पर नोटा को लोगों ने कितना पसंद किया, इससे जुड़े डेटा वाला एक पोस्ट सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसे अधिक से अधिक देखा जा रहा है।
यहां नोटा पर 3868 वोट पड़े हैं, जिसको कांग्रेस के जनादेश के तौर पर देखा जा रहा है। गुजरात में बीजेपी के खिलाफ सत्ता विरोधी लहर थी, लेकिन बहुत से जानकारों को लगता है कि कांग्रेस इस सेंटीमेंट को पूरी तरह भुना पाने में नाकाम रही है।
सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर 2013 में नोटा को पेश किया गया था। इसका विकल्प पहली बार छत्तीसगढ़, राजस्थान, मध्य प्रदेश, दिल्ली और मिजोरम के विधानसभा चुनावों में दिया गया था।