केजरीवाल का तुग़लक़ी फ़रमान, “दिल्ली के बाहर वालों का यहाँ नहीं होगा इलाज”

न्यूज़ डेस्क | navpravah.com
कोरोना संकट में नेताओं ने बढ़-चढ़कर राजनीतिक बयानबाज़ी की है। दिल्ली के मुख्यमंत्री भी इससे अछूते नहीं हैं। दिल्ली में रोज़ाना बढ़ रहे कोरोना के मामले चिंताजनक हैं। दिल्ली सरकार गठित चिकित्सकों की टीम ने सरकार को रिपोर्ट सौंपा है, जिसके बाद मुख्यमंत्री ने विडियो कॉन्फ़्रेन्स के ज़रिए सरकार के फ़ैसले की जानकारी दी।
दिल्ली में लगातार कोरोना के बढ़ते मामले के बीच राज्य सरकार ने सोमवार से तमाम छूट देने की घोषणा की है। कुछ छूट मिले हैं, तो कुछ निर्णय स्थानीय लोगों की समस्या को बढ़ाते नज़र आ रहे हैं। अपने एक निर्णय की घोषणा करते हुए केजरीवाल ने स्पष्ट कहा कि दिल्ली के सरकारी और निजी अस्पतालों में अब सिर्फ दिल्ली के निवासियों का ही इलाज होगा।
यह फ़ैसला अपने राज्य की जनता को तरजीह देते हुए केजरीवाल ने यह निर्णय लिया, लेकिन ऐसे में उन लोगों को भारी परेशानी होने वाली है, जिनके पास दिल्ली के होने का प्रमाण नहीं है या जो किसी भी वजह से दिल्ली में हैं। पिछले ८०-९० दिनों के लॉकडाउन की वजह से लोग आर्थिक रूप से विपन्न हो चुके हैं, ऐसे में यदि स्थानीय सरकार उनकी मदद नहीं करती, तो उन्हें भारी परेशानी का सामना करना पड़ सकता है।
इसके अलावा भी दिल्ली के मंत्रिमंडल ने कुछ निर्णय लिए हैं। निम्न बिंदुओं में पढ़िए कि दिल्ली में कल से सामाजिक जीवन कैसा नज़र आएगा।
• राजधानी में कल से रेस्त्रां, मॉल और धार्मिक स्थल खोले जाएंगे। इस दौरान केंद्र सरकार के दिशा-निर्देशों का पालन किया जाएगा।
• होटल और बैंक्वेट हॉल को अभी नहीं खोला जाएगा। हो सकता है आने वाले समय में होटलों को अस्पतालों के साथ अटैच करना पड़े, इसलिए उन्हें नहीं खोले जाने का निर्णय लिया गया है।
• केजरीवाल ने बुजुर्गों से बाहर न जाने और घर में भी किसी से न मिलने की अपील की है।
• कल यानि सोमवार से दिल्ली के बॉर्डर को सभी की आवाजाही के लिए खोल दिया जाएगा।
• कैबिनेट की बैठक में यह फैसला लिया गया है कि फिलहाल दिल्ली में केंद्र सरकार के जो अस्पताल हैं, उनमें पहले की तरह ही सभी मरीजों का इलाज हो सकेगा। दिल्ली में कुछ निजी अस्पताल ऐसे हैं जो विशेष तरह की सर्जरी करते हैं। यहां देश भर से लोग आकर सर्जरी करवाते हैं। इन अस्पतालों में सभी का इलाज हो सकेगा।
• केजरीवाल ने बताया कि दिल्ली में स्वास्थ्य व्यवस्था की समीक्षा के लिए हमने पांच वरिष्ठ डॉक्टरों की समिति बनाई थी। उनका भी यही सुझाव है कि जब तक कोरोना संकट है, तब तक दिल्ली के अस्पतालों को दिल्लीवासियों के लिए आरक्षित कर दिया जाए।
उन्होंने कहा कि समिति ने स्पष्ट बताया कि अगर दिल्ली के अस्पतालों को सभी के इलाज के लिए खोल दिया जाएगा, तो तीन दिन में सारे बेड भर जाएंगे।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.