हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर संसदीय सचिवों की नियुक्ति पर घिरते नजर आ रहे हैं। सीएम खट्टर ने अपनी सफाई में कहा कि हरियाणा के 4 संसदीय सचिवों का मामला दिल्ली से अलग है और इस मामले में दिल्ली जैसी कार्रवाई की मांग करना ठीक नहीं है।
हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने समाचार एजेंसी एएनआई से कहा कि दिल्ली और हरियाणा के हालात अलग-अलग हैं। हमारे यहां कानून पहले से मौजूद है, लेकिन फिर भी अदालत ने कहा कि यह ठीक नहीं है, इसलिए हमने उन्हें संसदीय सचिव के पद से हटा दिया है। इस मामले में याचिकाकर्ता वकील जगमोहन सिंह भट्टी ने कहा कि मुख्य संसदीय सचिव एक असंवैधानिक टर्म है। हाईकोर्ट ने इस मामले में संज्ञान लिया था और आदेश जारी किया था। यदि दिल्ली और हरियाणा भारत के हिस्से हैं, तो इनके लिए दो अलग-अलग कानून कैसे हो सकते हैं? इन सचिवों को अयोग्य घोषित किया जाना चाहिए।
बता दें कि जगमोहन सिंह भट्टी पिछले काफी समय से इन भाजपा विधायकों को आयोग्य घोषित करने के लिए लंबी लड़ाई लड़ रहे हैं। दिल्ली की तरह हरियाणा में भी 4 संसदीय सचिव नियुक्त किए गए थे। संसदीय सचिव नियुक्त करने के कारण दिल्ली के 20 विधायकों को अयोग्य घोषित कर दिया गया था। अब मांग उठ रही है कि इन चारों भाजपा विधायकों को भी आयोग्य घोषित किया जाए।