आजकल की जीवन शैली तेजी से बदल रही है और इसलिए मानव कोशिका में मौजूद Y क्रोमोजोम तेजी से घट रहे हैं।जीव विज्ञानियों और इस खबर से उपजी चिंता यह हो सकती है कि एक समय ऐसा आएगा जब इस धरती से मर्दों का वजूद ही खत्म हो जाए।
विज्ञान पत्रिका कनवरसेशन में यह दावा किया गया है कि वैज्ञानिकों के मुताबिक इस जैविक घटना के संभव होने में 46 लाख साल लग सकते हैं। यह वक्त लोगों को काफी लंबा लग सकता है, लेकिन इस पहलू पर विचार करें, तो धरती पर जीवन साढ़े तीन अरब सालों से मौजूद है, तो यह समय सीमा काफी कम लगती है।
जिस भ्रूण में XY क्रोमोजोम होता है, वह नर में विकसित होता है। जबकि, बिना Y क्रोमोजोम्स वाले भ्रूण यानी कि XX क्रोमोजोम मादा शिशू के रूप में विकसित होते हैं। वैज्ञानिकों ने दावा किया है कि 166 मिलियन साल पहले यानी कि जब धरती पर पहला स्तनधारी विकसित हुआ था, उस वक्त प्रोटो Y क्रोमोजोम्स की संख्या X क्रोमोजोम्स के बराबर थी।
वैज्ञानिकों के मुताबिक, Y क्रोमोजोम्स एक आधारभूत नियम का पालन करता है। जहां हमारी कोशिका में दूसरे क्रोमोजोम्स के दो कॉपी होते हैं। वहीं Y क्रोमोजोम्स की एक ही कॉपी होती है, जो एक पिता प्रजनन प्रक्रिया के दौरान अपने बेटे में हस्तांतरित करता है।
वैज्ञानिकों ने तर्क दिया है कि Y क्रोमोजोम्स के खत्म हो जाने का यह भी मतलब नहीं है कि मर्दो की प्रजाति ही खत्म हो जाएगी। शोध में दावा किया गया है कि जिन स्पीशिज में Y क्रोमोजोम्स खत्म हो गया है, वहां भी प्रजनन की प्रक्रिया के लिए नर और मादा का होना जरूरी है।