एनपी न्यूज़ डेस्क | Navpravah.com
पाकिस्तान स्थित करतापुर कॉरीडोर के उद्घाटन समारोह से पहले विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने दो टूक लहजे में कहा कि, इसके खुलने का आशय ये नहीं है कि इस कारण दोनों देशों के बीच बातचीत शुरू हो जाएगी।
उन्होंने यह भी कहा कि, भारत सरकार करतारपुर कॉरीडोर शुरू करने के लिए कई वर्षों से कह रही थी लेकिन पाकिस्तान ने अब जाकर सकारात्मक रुख अपनाया है।
सुषमा स्वराज का बयान उस समय आया है जिनमें कहा जा रहा है कि, पाकिस्तान सार्क शिखर सम्मेलन के लिए भारतीय पीएम मोदी को निमंत्रण भेज सकता है, सुषमा स्वराज के बयान से स्पष्ट है कि भारत इस तरह के किसी भी आमंत्रण को स्वीकार करने के मूड में नहीं है।
उधर पाकिस्तान के करतारपुर स्थित गुरुद्वारा दरबार साहिब को भारत के गुरदासपुर जिले में स्थित डेरा बाबा नानक से जोड़ने वाले बहुप्रतीक्षित गलियारे की नींव वहां के प्रधानमंत्री इमरान खान बुधवार को रखने जा रहे हैं, इससे भारतीय सिख श्रद्धालुओं को वीजा मुक्त आवाजाही की सुविधा मिल सकेगी।
पाकिस्तान ने इस कार्यक्रम के लिए भारत के 25 पत्रकारों के समूह को आमंत्रित किया है, इसी कड़ी में कूटनीतिक गलियारे में चर्चा है कि करतारपुर कॉरीडोर के माध्यम से पाकिस्तान दोनों देशों के बीच रिश्तों में जमी बर्फ को पिघलाने के लिए कोशिश कर सकता है।
द टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, भारत ने पहले ही पाकिस्तान के इस तरह के किसी ‘दिखावे’ को खारिज करते हुए कहा है कि पाकिस्तान एकतरफा फैसला लेते हुए इस तरह से किसी को ‘आमंत्रित’ नहीं कर सकता है।
इस संबंध में कहा जा रहा है कि, सार्क शिखर सम्मेलन का आयोजन तभी हो सकता है जब सभी सदस्य देश इसके लिए सहमत हों, सम्मेलन के लिए सदस्यों के बीच तारीखें तय होने के बाद ही निमंत्रण भेजा जा सकता है।